
मुजफ्फरपुर: ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु जिला पदाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित कार्यालय प्रकोष्ठ में विभिन्न बैंकों के प्रबंधक/ प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई तथा बैंक अधिकारियों को आवेदन की स्वीकृति एवं व्यय करने में तेजी लाने एवं लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि हासिल करने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी कार्यक्रम तथा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का औपचारिकरण की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने बैंकों की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता प्रकट की तथा महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र को बैंकों के जोनल हेड से समन्वय बनाकर सितंबर तक शत प्रतिशत आवेदन की स्वीकृति देने तथा 75% व्यय करने को कहा ताकि सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में होनेवाली बैठक में बैंकों की उपलब्धि सराहनीय रहे। उन्होंने कहा कि सितंबर माह की समीक्षा बैठक में जिन बैंकों की स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा तो संबंधित बैंक के अधिकारी को चिह्नित कर विभाग को प्रतिवेदित किया जाएगा। उन्होंने विशेषकर पब्लिक सेक्टर के बड़े बैंकों को प्रगति लाने तथा अभिरुचि लेकर जिले के बेरोजगार युवाओं को उद्योग – धंधे स्थापित करने हेतु महती भूमिका निभाने को कहा।

बैठक में महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र सुश्री अभिलाषा भारती तथा विभिन्न बैंकों के मैनेजर/ प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इसके अतिरिक्त बिहार लघु उद्यमी योजना के अंतर्गत मुजफ्फरपुर जिला में 1815 लोगों को उद्योग धंधे स्थापित करने हेतु चयनित किया गया है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए महाप्रबंधक, डीआईसी ने कही कि इन लोगों को सरकार द्वारा ₹200000 तीन किस्तों में दिया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को प्रथम किस्त के रूप में₹50000 दिए जा चुके हैं। सभी 1815 व्यक्तियों को स्वरोजगार तथा उद्योग धंधे स्थापित करने हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ महाप्रबंधक , डीआईसी के नेतृत्व एवं निर्देशन में आज से जिला उद्योग केंद्र में शुरू हुआ। विदित हो कि प्रशिक्षण कार्य के सफ़ल एवं सुचारु संपादन हेतु कुल 61 बैच बनाये गये हैं। प्रत्येक बैच में मात्र 30 व्यक्ति के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।