मुजफ्फरपुर: जिले के कई गांव बाढ़ के चपेट में DM-SSP ने बाढ़ प्रभावित इलाके का किया दौरा

Tirhut News

Muzaffarpur News: सीतामढ़ी जिले के बेलसंड रुन्नीसैदपुर एवं शिवहर जिले में बागमती नदी के जलस्तर में  अप्रत्याशित वृद्धि एवं तटबंध पर अत्यधिक दबाव के कारण कई स्थानों पर तटबंध के ध्वस्त हो जाने के फलस्वरुप 29 सितंबर को देर रात्रि में मुजफ्फरपुर जिले के औराई ,कटरा एवं गायघाट प्रखंड के कई पंचायतों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया।

‌‌जिला पदाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन एवं वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राकेश कुमार ने अधिकारियों की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र औराई , कटरा, गायघाट का भ्रमण कर प्रभावित परिवार से मुलाकात की तथा हालचाल जाना। उन्होंने क्षेत्र में कैंप कर त्वरित रूप से विशेष सतर्कता के साथ जिला/ प्रखंड के अधिकारियों/कर्मियों की टीम की  तैनाती कर राहत एवं बचाव संबंधी सभी कार्य तत्परता से शुरू कर किया।

  उन्होंने   पूरी तत्परता से ‌ बाढ़ राहत शिविर, सामुदायिक किचन, पॉलिथीन शीट्स का वितरण ,मेडिकल कैंप, शौचालय, पेयजल की व्यवस्था, निर्वाध बिजली आपूर्ति,‌ तटबंध की सुरक्षा एवं निगरानी,नाव की व्यवस्था ,सड़कों ‌ पर आवागमन की सुविधा बहाल रखने सहित ‌ सभी आवश्यक व्यवस्था सुदृढ़ रूप से सुनिश्चित की।

जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन विभाग के मानक संचालन प्रक्रिया तथा प्रदत्त दिशा निर्देश के अनुरूप बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आपदा राहत की सभी आवश्यक व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर त्वरित रूप में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

यद्यपि बाढ़ के पानी के जलस्तर में कमी आई है  तथापि लोगों  को सजग एवं सतर्क रहने की जरूरत है।
जिला पदाधिकारी ने बाढ़ आपदा  को गंभीरता से लेते हुए प्रभावित ‌ लोगों के सहायतार्थ सभी आवश्यक व्यवस्था त्वरित रूप से सुनिश्चित की।
‌‌कटरा औराई में 17 राहत शिविर संचालित है तथा उसमें बिजली, पानी, शौचालय, साफ सफाई आदि की समुचित व्यवस्था की गई है।

औराई, कटरा में 17 सामुदायिक किचेन संचालित है जिसमें ‌  लोगों के लिए सुबह शाम नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है। आज सुबह-शाम  कटरा मे 18450लोगों ने भोजन किया जबकि औराई में 6000 लोगों ने भोजन किया। जिलाधिकारी ने सामुदायिक किचेन ‌ के सुचारू एवं सुदृढ़ ‌ व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु प्रखंड स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मियों की तैनाती की है तथा ‌ अपर समाहर्ता आपदा को सतत एवं प्रभावी निगरानी  की जवाबदेही दी है।

औराई में 600 तथा कटरा में 495 पॉलिथीन शीट्स का वितरण किया गया है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव हेतु एनडीआरएफ एसडीआरएफ के टीम की तैनाती की गई है। साथ ही प्रशिक्षित गोताखोर की भी प्रतिनियुक्ति की गई हैं।

जिला पदाधिकारी द्वारा औराई कटरा गायघाट सहित जिले के सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रहने तथा ‌ डॉक्टर को मुख्यालय में बने रहने का सख्त निर्देश दिया गया है। औराई कटरा गायघाट में ‌ ‌ मेडिकल टीम का गठन कर तैनाती की गई है । प्रत्येक मेडिकल टीम में एक डॉक्टर ,एक नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ  आवश्यक दवा के साथ तैनात हैं। इन क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार  एंबुलेंस की सेवा भी संबद्ध ‌ किया गया है। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के मेडिकल टीम में तैनात डॉक्टर नर्स की उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु सतत एवं प्रभावी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है।

‌ ‌जिलाधिकारी ने पशुओं की सुरक्षा, चारा एवं चिकित्सा हेतु जिला पशुपालन पदाधिकारी को क्षेत्र में भ्रमण कर पशुओं की नि:शुल्क चिकित्सा की व्यवस्था करें।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ‌ पीएचइडी द्वारा आवश्यकता अनुसार शौचालय चापाकल की व्यवस्था की गई है तथा आवश्यकतानुसार टैंकर से पानी की जलापूर्ति की जा रही है। साथ ही सामुदायिक किचन तथा राहत शिविरों में भी शौचालय पेयजल तथा टैंकर की समुचित व्यवस्था की गई है।

जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्यपालक अभियंता को बिजली की निर्वाध आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु क्षेत्र में कैंप करने तथा तकनीकी पदाधिकारियों की तैनाती करने का निर्देश दिया है। इस कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग करने को कहा है।

कटरा के पावर सब स्टेशन के बाधित हो जाने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बेरई पावर सब स्टेशन,कांटा पिरौछा सब स्टेशन तथा मैथी सब स्टेशन से ‌ बिजली आपूर्ति बहाल करने की कार्रवाई  जारी है।

बाढ़ पीड़ित लोगों को आवागमन की कठिनाई को देखते हुए आवश्यकता अनुसार 38 नाव उपलब्ध कराए गए हैं। इन नावों पर लोगों के आने जाने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है।

स्थानीय नाव के माध्यम से बाढ़ प्रभावित पंचायत/ गांव / वार्डों के एक-एक बीमार,गर्भवती माता, धात्री माता, दिव्यांगजनों एवं वृद्धजनों  को निष्क्रमण कर ऊंचे एवं सुरक्षित स्थानों पर शरण देने का निर्देश दिया है।

किसी भी स्थिति में ओवरलोडेड नाव ‌ पर नहीं चढ़ने तथा लोगों को नाव पर सेल्फी लेना खतरनाक एवं जानलेवा है इस बारे में लोगों को अवगत कराने का निर्देश दिया है।

कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल संख्या दो एवं कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल पूर्वी वन एवं टू मुजफ्फरपुर को निर्देश दिया गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तकनीकी पदाधिकारी की तैनाती कर सभी पथों की सतत निगरानी करें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन बाधित न हो इसका विशेष ध्यान रखें। यदि कहीं सड़क क्षतिग्रस्त होता है तो प्राथमिकता के आधार पर त्वरित रूप में उसका रेस्टोरेशन करने की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

कार्यपालक अभियंता बागमती प्रमंडल रुन्नीसैदपुर मुजफ्फरपुर एवं कार्यपालक अभियंता जल निस्सरण प्रमंडल मुजफ्फरपुर को निर्देश दिया गया है कि तटबंध के सभी चिन्हित संवेदनशील स्थलों तथा रेनकट वाले स्थानों पर आवश्यकता अनुसार बाढ़ संघर्षात्मक एवं निरोधात्मक कार्य प्रभावी ढंग से करना सुनिश्चित करें ।इन क्षेत्रों में तकनीकी पदाधिकारी की तैनाती करें तथा लगातार भ्रमणशील रहकर तदबंधों की  सतत एवं  प्रभावी निगरानी में सुरक्षा करना सुनिश्चित करें।

कार्यपालक अभियंता बागमती प्रमंडल रुन्नी सैदपुर मुजफ्फरपुर एवं कार्यपालक अभियंता जल निस्सरण प्रमंडल मुजफ्फरपुर को निर्देश दिया गया है कि बागमती एवं लखनदेई तटबंध में अवस्थित सभी छोटे-बड़े स्लूइस गेट की तकनीकी रूप से निरीक्षण करते हुए वहां पर अभियंताओं की तैनाती करें ।
नदी के पानी के दबाव वाले स्थान पर विशेष रूप से सतर्कता एवं सुरक्षात्मक उपाय की जाए।

जिला पदाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वह बाढ़ के पानी में अनावश्यक प्रवेश नहीं करें। अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। स्थानीय पदाधिकारी से समन्वय बनाए रखें।

उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के सभी अधिकारियों एवं कर्मियों को मुख्यालय में बने रहने तथा  प्रभावित परिवारों ‌ के बीच भ्रमण कर सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित रखने का सख्त निर्देश दिया है।

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