
नवरात्र में सामाजिक कार्यकर्त्ता का यह एक बहुत ही सराहनीय पहल है जो एक प्रयास मंच द्वारा बहलखाना स्लम बस्ती में दुर्गा पूजा के अवसर पर की गई है। मंच के संस्थापक संजय रजक का उद्देश्य न केवल पूजा पाठ को बढ़ावा देना है, बल्कि बेटियों को शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर भी जोर देना है।

नौ कन्याओं के बीच पठन सामग्री का वितरण करना एक बहुत ही अच्छा कदम है, जिससे वे अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकती हैं और अपने परिवार, समाज और देश का नाम रोशन कर सकती हैं।

बिहार के पारंपरिक लोकनृत्य झिझिया का आयोजन भी एक बहुत ही अच्छा कदम है, जो माँ दुर्गा की आराधना से जुड़ा हुआ है। यह कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक महत्व को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज में शांति और सदभाव को भी बढ़ावा देता है।

इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों की संख्या और उत्साह भी बहुत ही प्रेरक है। यह दर्शाता है कि समाज में बदलाव लाने की इच्छा है और लोग बेटियों के अधिकारों के लिए खड़े हैं।

इस प्रयास को सफल बनाने के लिए हमें सभी को साथ में आने की आवश्यकता है और बेटियों को शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करने के लिए काम करना होगा। तभी हम “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को सफल बना सकते हैं।