

बिहार सरकार की फसल सहायता योजना के तहत, अगहनी धान की फसल की कटाई का निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण सुरसंड प्रखंड के मरूकी पंचायत में हुआ।
फसल कटाई का प्रयोग इसलिए किया जाता है ताकि फसल उत्पादन और क्षति का सही आकलन किया जा सके। यह जानकारी किसानों को मदद करने के साथ-साथ सरकार को नीतियाँ बनाने में मदद करती है।
कैसे किया गया:
प्लॉट का चयन: एक संभावित रैंडम पद्धति से एक प्लॉट का चयन किया गया।
प्लॉट का आकार: प्लॉट 10 मीटर लंबा और 5 मीटर चौड़ा था, यानी कुल 50 वर्ग मीटर।
उपज: इस प्लॉट से कुल 31 किलो धान निकला।
प्रति हेक्टेयर उत्पादन: इस आधार पर, प्रति हेक्टेयर उत्पादन 62 क्विंटल का अनुमान लगाया गया।
कौन थे मौजूद:
श्री बीरेंद्र कुमार, उप निदेशक, अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय
लखी राम मुर्मु, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी
अन्य अधिकारी जैसे अवर सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी और कृषि समन्वयक
यह जानकारी क्यों महत्वपूर्ण है:
किसानों के लिए: इससे किसानों को अपनी फसल के बारे में सही जानकारी मिलती है और उन्हें फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
सरकार को इस जानकारी के आधार पर किसानों को सहायता प्रदान करने और कृषि नीतियाँ बनाने में मदद मिलती है।
सरल शब्दों में: बिहार सरकार किसानों की मदद के लिए फसल का उत्पादन माप रही है। इस जानकारी से किसानों को पैसा मिलने में और सरकार को किसानों को और मदद करने में आसानी होगी।