Muzaffarpur News: स्वधार गृह कांड में ब्रजेश ठाकुर सहित तीन साक्ष्य के आभाव में बरी Tirhut News

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मुजफ्फरपुर का स्वधार गृह कांड एक चर्चित मामला था जिसमें स्वधार गृह में रहने वाली महिलाओं और बच्चों के गायब होने का आरोप था। इस मामले में विशेष अनुसूचित जाति/जनजाति कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत तीन आरोपियों को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया है।

शाइस्ता परवीन मधु के अधिवक्ता प्रिय रंजन “अन्नू ने बताया कि मामले में सुनवाई करते हुए विशेष अनुसूचित जाति जन जाति कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने सभी को बरी कर दिया है। वही विशेष अनुसूचित जाति जनजाति कोर्ट के लोक अभियोजक मंगल प्रसाद का कहना है कि पुलिस के द्वारा सही से जांच नहीं किए जाने के कारण आज आरोपितों को न्यायालय ने बरी कर दिया है.

मामले की जानकारी:

आरोप: स्वधार गृह में रह रही 11 महिलाओं और उनके 4 बच्चों को गायब कर दिया गया था।

आरोपी: इस मामले में ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा मुख्य आरोपी थे।

कोर्ट का फैसला: विशेष अनुसूचित जाति/जनजाति कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने सबूतों की कमी के कारण सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

पहले की कार्यवाही: इस मामले में गुरुवार को तिहाड़ जेल से ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन और कृष्णा को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया था।

अधिवक्ता का बयान: शाइस्ता परवीन के अधिवक्ता अन्नू बाबू ने बताया कि कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।

लोक अभियोजक का बयान: लोक अभियोजक मंगल प्रसाद का कहना है कि पुलिस द्वारा सही से जांच नहीं करने के कारण आरोपियों को बरी कर दिया गया है।

ब्रजेश ठाकुर पहले से ही बालिका गृह कांड में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

इस मामले में रामानुज ठाकुर भी आरोपी थे, जिनकी पहले ही मृत्यु हो चुकी है।

  यह मामला महिलाओं के लिए बने एक आश्रय गृह “स्वधार गृह” से जुड़ा है, जहाँ कठिन परिस्थितियों में रहने वाली महिलाओं को सहारा दिया जाता है।

इस फैसले से पुलिस की जांच पर सवाल उठ रहे हैं और यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है।

आपको बता दे कि स्वाधार गृह से 11 महिलाएं और उनके चार बच्चों को गायब करने में आरोपित बालिका गृह कांड में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु, कृष्णा अन्य के विरुद्ध चल रहे मामले में विशेष अनुसूचित जाति जन जाति कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने इस कांड में फैसले में रामानुज ठाकुर जिनकी पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है उनके साथ ही बृजेश ठाकुर शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जती बरी कर दिया.

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