
बिहार और बंगाल में आतंक का पर्याय बने कुख्यात डकैत सुशील मोची को पूर्णिया पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया है। यह एनकाउंटर बायसी के ताराबाड़ी में हुआ। सुशील मोची पर डकैती, लूट, और हत्या समेत कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे। वह बिहार, बंगाल और पड़ोसी राज्यों में आतंक का पर्याय बन गया था।
सुशील मोची पूर्णिया जिले के अनगढ़ थाना क्षेत्र का रहने वाला था। अपराध की दुनिया में उसका लंबा इतिहास रहा है। वह सोना लूटकांड और कई अन्य लूटकांडों का मुख्य आरोपी था। वह काफी समय से कटिहार जेल में बंद था, लेकिन हाल ही में रिहा हुआ था। जेल से बाहर आते ही वह फिर से आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय हो गया था। सुशील मोची अमौर में हाल ही में मारे गए एक और वांटेड अपराधी बाबर का गुरु था।

पूर्णिया पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सुशील मोची बायसी के ताराबाड़ी इलाके में है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की। पुलिस और सुशील मोची के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें सुशील मोची मारा गया।

सुशील मोची पर पुलिस ने कुल 2 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इसमें पूर्णिया पुलिस द्वारा घोषित 1 लाख रुपये, किशनगंज पुलिस द्वारा घोषित 50 हजार रुपये और कटिहार पुलिस द्वारा घोषित 50 हजार रुपये शामिल हैं।
सुशील मोची पर डकैती, लूट, हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत दर्जन भर से ज्यादा मामले दर्ज थे। वह बिहार और बंगाल पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था।
सुशील मोची का शिष्य:
सुशील मोची अमौर में हाल ही में मारे गए वांटेड अपराधी बाबर का गुरु था। बाबर भी एक कुख्यात अपराधी था और उस पर भी कई आपराधिक मामले दर्ज थे।
सुशील मोची का एनकाउंटर बिहार पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है। इससे क्षेत्र में अपराध पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।