
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित “वतन को जानो” कार्यक्रम में कश्मीर और बिहार के युवा एक मंच पर आए। इस 5-दिन के कार्यक्रम में कश्मीर से आए लगभग 150 छात्र और शिक्षक उत्तर बिहार की समृद्ध संस्कृति और इतिहास से रूबरू हो रहे हैं।
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सीनेट हॉल में कश्मीरी युवा विनिमय कार्यक्रम 2024-25 का औचारिक उद्घाटन हुआ. इस कार्यक्रम में कश्मीर से आए लगभग 150 छात्र और उनके शिक्षक 5से 10 जनवरी तक उत्तर बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से परिचित होंगे. नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को “वतन को जानो” के नारे के साथ आयोजित किया जा रहा है.
कार्यक्रम के दौरान, मुख्य अतिथि, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय ने कश्मीर को भारत का मुकुट मणि बताया. उन्होंने कहा कि कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच सदियों पुराने मधुर संबंध रहे हैं. हालांकि, कुछ लोगों ने इन संबंधों को खराब करने की कोशिश की लेकिन देश की मजबूत सांस्कृतिक जड़ों ने ऐसी ताकतों को सफल नहीं होने दिया. उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर अब तेजी से देश की मुख्यधारा में शामिल हो रहा है और इसका विकास पूरे देश के विकास के लिए आवश्यक है. प्रो. राय ने आगे कहा कि कश्मीर का विकास भारत के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कश्मीर की खुशहाली ही पूरे देश की खुशहाली का सूचक होगी. उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का मुकुट मणि है और अगर यह चमकदार और विकसित रहेगा तो पूरा देश चमकदार रहेगा. प्रो. राय ने कश्मीरी युवाओं को बताया कि बिहार के लोग अति स्वाभिमानी होते हैं और वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को बड़े ही गर्व के साथ निभाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से कश्मीरी युवा उत्तर बिहार की संस्कृति और इतिहास को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे.
विशिष्ट अतिथि लंगट सिंह कॉलेज के प्राचार्य प्रो ओमप्रकाश राय ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार के लोगों और कश्मीर के लोगों में बहुत सी समानताएं हैं. दोनों ही समाज विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष करने और सफल होने की क्षमता रखते हैं. प्रो. राय ने आगे कहा कि दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने से दोनों को ही फायदा होगा. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि बिहार और कश्मीर मिलकर भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. प्राचार्य प्रो. राय ने बताया है कि कश्मीर से आए युवाओं के लिए लंगट सिंह कॉलेज प्रशासन ने रहने की अच्छी व्यवस्था की है. उन्होंने यह भी बताया कि 10 जनवरी तक हर शाम कॉलेज ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में कश्मीरी युवा और बिहार के स्थानीय युवा मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे. इन कार्यक्रमों के माध्यम से दोनों राज्यों के युवाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा और आपसी संबंध मजबूत होंगे.

इससे पहले कश्मीरी युवाओं ने पूरे लंगट सिंह कॉलेज का भ्रमण किया तथा कॉलेज की ऐतिहासिक विरासत और अद्भुत स्थापत्य कला को देखकर बेहद प्रभावित हुए हैं.कॉलेज के प्राचीन भवनों, पुस्तकालय और अन्य सुविधाओं ने युवाओं को आश्चर्यचकित किया है. कॉलेज का भ्रमण करते हुए युवाओं ने महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के दौरान कॉलेज में आगमन और यहां आयोजित बैठकों के बारे में भी जाना. कॉलेज सभागार में युवाओं को पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से यहां की सांस्कृतिक धरोहरों और इतिहास के बारे में बताया गया. सीनेट हॉल कार्यक्रम में रजिस्ट्रार डॉ अपराजिता कृष्ण, नेहरू युवा केंद्र के स्टेट हेड एसपी सिंह, साहित्यकार बासुदेव प्रसाद सिंह ने भी संबोधित किया. अतिथियों का स्वागत जिला युवा पदाधिकारी रश्मि सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन मनीष कुमार ने किया. मौके पर डॉ हरिनारायण भारद्वाज, प्रो संजीव मिश्रा, प्रो पुष्पा कुमारी, डॉ राजीव कुमार, डॉ दिलीप कुमार, डॉ शशिकांत पाण्डेय, डॉ नवीन कुमार, डॉ धीरेंद्र कुमार, ऋषि कुमार आदि मौजूद रहे।