
मुजफ्फरपुर। सदर थाना के भगवानपुर इलाके से एमबी छात्र और ब्रह्मपुरा के पमरिया टोला इलाके से अपहत पांच वर्षीय खुशी के मामले में छानबीन के लिए शुक्रवार को संयुक्त निदेशक (जेडी) के नेतृत्व में सीबीआई की दो टीम मुजफ्फरपुर आएगी। टीमें दोनों के परिजनों से मिलने के साथ घटनास्थल का निरीक्षण और अन्य लोगों से पूछताछ कर सकती है।
मामले के सुपरविजन के लिए जेडी के नेतृत्व में कार्रवाई की जाएगी। सीबीआई ने दोनों ही मामले में नई एसआईटी का गठन किया है। एमबीए छात्रा अपहरण कांड की आंच के लिए इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई है। वहीं, खुशी अपहरण कांड की जांच के लिए गौरव मित्रा के नेतृत्व में टीम बनी है। दोनों ही मामले में जेडी राजीव रंजन सुपरभाइज करेंगे।
दोनों के परिजनों से मिलने के साथ घटनास्थल का करेंगी निरीक्षण
मामलों में सुपरविजन को संयुक्त निदेशक के नेतृत्व में होगी कार्रवाई
दो साल से सीबीआई ढूंढ़ रही खुशी का सुराग
ब्रहमपुरा थाना के पमरिया टोला से 16 फरवरी 2021 को खुशी लापता हो गई थी। उसके पिता राजन साह ने अगले दिन ब्रहमपुरा बारे में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस और एसआईटी की जांच में उसका कोई सुराग नहीं मिला। अब सीबीआई खुशी को दूद रही है। सीबीआई के दी आईओ भी बदले जा चुके हैं। तमाम स्कूल और अस्पताल की जांब में भी खुशी का सुराग नहीं मिला। पिता राजन सह चार साल से बेटी के मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि संदिग्धों के पेलीग्राफी और नार्को टेस्ट में सुराग मिल सकता है।
5 लाख का इनाम, पुलिस व सीआईडी हो चुकी फेल
एमबी छात्रा भगवानपुर इलाके में नाना के घर रह कर एक कॉलेज से पढ़ाई कर रही थी। 12 दिसबर 2022 को वह कॉलेज के लिए निकली। लेकिन, कॉलेज नहीं पहुंची। इसके बाद उसका पता नहीं चला। नाना के आवेदन पर 16 दिसंबर 2022 को सदर थाने में उसके अपहरण की आशंका में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस के बाद केस सीआईडी को मिला। पांच लाख के इनाम की घोषणा हुई लेकिन छात्रा का सुराग नहीं मिला। हाईकोर्ट के आदेश पर बोले साल से सीबीआई मामले में जब कर की है