200 ट्रक गायब करने के मामले में जांच के लिए डीआईजी ने गठित की एसआईटी

Tirhut News

मुजफ्फरपुर में भाड़ा पर लेकर 200 से अधिक ट्रकों को गायब करने वाले सिंडिकेट पर कार्रवाई के लिए डीआईजी चंदन कुशवाहा ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी मुजफ्फरपुर, वैशाली और सीतामढ़ी में दर्ज मामलों में आगे की छानबीन करने के साथ अधूरी कार्रवाई को पूरा करेगी। ट्रकों को गायब करने वाले रैकेट सरगना मुजफ्फरपुर के सत्येंद्र सिंह और पटना के नरेंद्र सिंह के गिरोह में पटना, झारखंड, मुजफ्फरपुर, उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई ट्रांसपोर्टर व ट्रांसपोर्ट विभाग के कर्मी शामिल हैं। चोरी गये ट्रकों के कागजात बनाकर उसे गिरोह ने अलग-अलग राज्यों में बेच दिया। ट्रक की पहचान नहीं हो, इसके लिए छत्तीसगढ़ में उसके रंगरोगन व बॉडी में बदलाव भी किया गया।


मुजफ्फरपुर जिले और उत्तर बिहार से भाड़ा पर लेकर 200 से अधिक टुकों को गायब करने वाले सिंडिकेट पर कार्रवाई के लिए डीआईजी चंदन कुशवाहा ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी मुजफ्फरपुर, वैशाली और सीतामढ़ी में दर्ज मामलों में आगे की छानबीन करने के साथ अधूरी कार्रवाई को पूरा करेगी।
मुजफ्फरपुर के सदर थाना, कुड़नी थाना, मनियारी थाना, सरया थाना में 80 से अधिक केस दर्ज कराए। सीतामढ़ी और वैशाली में भी इसको लेकर केस दर्ज किए गए। मुजफ्फरपुर पुलिस ने सत्येंद्र सिंह और नरेंद्र सिंह को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की थी। इसमें कई राज्यों में फैले बड़े रैकेट का खुलासा हुआ था। लेकिन, अलग-अलग थाना, जिला व राज्यों से जुड़ाव के कारण पुलिस कार्रवाई में विलंब हो रहा था। इसे देखते हुए डीआईजी ने अब रेंज स्तर पर एसआईटी बनाई है। एसआईटी मुजफ्फरपुर सिटी एसपी विश्वजीत दयाल के नेतृत्व में काम करेगी। रेंज की एसआईटी होने से किसी भी राज्य में कार्रवाई के लिए जाने में टीम को आदेश लेने में भी आसानी होगी।
गिरोह ने ट्रकों के फर्जी कागजात बनाकर अलग-अलग राज्यों में बेच दिए। ट्रक की पहचान न हो, इसके लिए छत्तीसगढ़ में उनका रंगरोगन व बॉडी में बदलाव भी किया जाता था। मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने वर्ष 2023 में बाड़ी कार्रवाई की थी। 30 से अधिक ट्रकों को बरामद करने के साथ 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके बाद कई राज्यों के ट्रक मालिकों ने ट्रक गायब करने वाले गिरोह का सरगना मुजफ्फरपुर का सत्येंद्र सिंह व पटना का नरेंद्र सिंह है। रैकेट में मुजफ्फरपुर, पटना, झारखंड, यूपी व छत्तीसगढ़ के कई ट्रांसपोर्टर व विभाग के कर्मी शामिल हैं।

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