मुजफ्फरपुर: पारू विधायक और डीईओ के बीच टकराव, स्थानांतरण की मांग

Tirhut News

मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर जिले में पारू विधायक अशोक कुमार सिंह और जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अजय कुमार सिंह के बीच विवाद गहराता जा रहा है। डीईओ ने विधायक पर धमकी देने और नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्वयं के स्थानांतरण की मांग की है।

डीईओ के आरोप:

डीईओ अजय कुमार सिंह ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि 19 फरवरी को सुबह 9:30 बजे पारू विधायक अशोक कुमार सिंह अपने कुछ समर्थकों के साथ उनके सरकारी आवास पर पहुंचे और स्कूलों में हुए निर्माण व मरम्मत कार्यों का भुगतान करने के लिए दबाव बनाया। डीईओ के अनुसार, इन कार्यों के लिए कोई कार्यादेश जारी नहीं किया गया था, इसलिए भुगतान संभव नहीं था। जब उन्होंने असमर्थता जताई, तो विधायक ने कथित तौर पर गाली-गलौज की और धमकी दी कि “तुमको उठवा लेंगे और देखते हैं कि तुम कैसे नहीं काम करते हो।”

जान-माल की सुरक्षा की मांग:

घटना की जानकारी जिलाधिकारी को भी दी गई है। डीईओ ने अपर मुख्य सचिव को पत्र में लिखा कि वर्तमान परिस्थितियों में उनकी जान-माल को खतरा है, इसलिए उन्हें किसी अन्य पद पर स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें 5 फरवरी को लेवल 13 की प्रोन्नति मिल चुकी है।

विधायक का पलटवार:

दूसरी ओर, पारू विधायक अशोक कुमार सिंह ने डीईओ के आरोपों को खारिज करते हुए उन पर कमीशनखोरी के आरोप लगाए। विधायक ने कहा, “मेरे कुछ कार्यकर्ताओं ने विद्यालयों में मरम्मत और निर्माण कार्य किया था, जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा था। जब मैंने इसके लिए आग्रह किया, तो डीईओ बिना कारण अनाप-शनाप बोलने लगे। मैंने किसी को धमकी नहीं दी है। मैं 20 वर्षों से विधायक हूं और आज तक किसी की चाय तक नहीं पी। भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ मैं चुप नहीं बैठूंगा।”

डीईओ की मुख्य जिम्मेदारियां:

जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) के कार्यों में शिक्षा नीतियों का क्रियान्वयन, स्कूलों की निगरानी, शिक्षकों की नियुक्ति व प्रशिक्षण, विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, परीक्षा संचालन और शिक्षा संबंधी आंकड़ों का संग्रह व विश्लेषण शामिल है।

जांच की आवश्यकता:

इस विवाद के बाद जिले में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। सच्चाई सामने लाने के लिए निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, ताकि शिक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक कार्य प्रभावित न हों।

(मुजफ्फरपुर से विशेष संवाददाता के साथ डेस्क टीम )

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