उदित नारायण के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में याचिका, पहली पत्नी के अधिकारों का मामला गरमाया”

Tirhut News

बॉलीवुड के मशहूर प्लेबैक सिंगर उदित नारायण के खिलाफ उनकी पहली पत्नी रंजना झा के अधिकारों को लेकर बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग (BHRC) और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में याचिकाएं दायर की गई हैं। अधिवक्ता एस. के. झा ने याचिका में कहा कि उदित नारायण ने अपनी पहली पत्नी को बिना तलाक दिए दूसरी शादी की, जो हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत गैरकानूनी है। रंजना झा उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए अपने पति के साथ रहना चाहती हैं और अपने अधिकारों के लिए वर्षों से संघर्ष कर रही हैं। इस मामले में अब आयोग के हस्तक्षेप के बाद उदित नारायण की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।


मुजफ्फरपुर :- बॉलीवुड के प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर उदित नारायण के विरुद्ध बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष दो अलग-अलग याचिका दाखिल की गई है। ‘पहला नशा’ और ‘पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा’ जैसे सुपरहिट गानों को आवाज़ दे चुके उदित नारायण झा की पहली शादी बिहार में रंजना झा से हुई थी। उन दिनों उनका इतना बड़ा क्रेज नहीं था। जब वे बिहार छोड़कर मुंबई चले गये तो वहाँ पर नेपाल की सिंगर दीपा गहतराज से उन्हें प्यार हो गया और उन्होंने शादी रचा ली। उदित नारायण की पहली शादी वर्ष 1984 में रंजना झा से हुई थी। उदित नारायण की पहली पत्नी रंजना नारायण झा अपने पति के साथ रहना चाहती है तथा उम्र व स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए रंजना झा का पति के साथ रहना जरुरी भी है। रंजना झा पत्नी का दर्जा प्राप्त करने एवं अपने अधिकारों के लिए वर्षों से संघर्ष कर रही है। ऐसे में इस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है।

मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा अब इस पूरे मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग पहुँच गये हैं। उन्होंने एनएचआरसी व बीएचआरसी में दो अलग-अलग याचिका दाखिल किए हैं। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुसार दूसरी शादी, पहली पत्नी को बिना तलाक दिए करना गैरकानूनी है तथा हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार ऐसी स्थिति में उनकी दूसरी शादी को शून्य शादी और गैरकानूनी माना जाना चाहिए, कारण कि जब कानून है तो यह कानून सब पर समान रूप से लागु होना चाहिए। उदित नारायण जैसे सेलिब्रिटी के द्वारा इस प्रकार का कदम उठाया जाना महिलाओं के अधिकारों पर कुठाराघात है, जो मानवाधिकार का उल्लंघन है।

श्री झा ने आगे कहा कि उदित नारायण के द्वारा अपनी पहली पत्नी को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास किया जाना इस बात का परिचायक है कि उदित नारायण अपनी पहली पत्नी के मानवाधिकार के प्रति सजग नहीं हैं। फिलहाल यह मामला मानवाधिकार आयोग के समक्ष पहुँच गया है और उदित नारायण की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है।

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