
मुजफ्फरपुर: भाकपा-माले नगर कमिटी के बैनर तले हरिसभा चौक स्थित जिला कार्यालय में भूमि अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता पांच सदस्यीय मंडल ने की, जिसमें फहद जमा, विनय कुमार वर्मा, मोहम्मद इरशाद, मुनीम महतो और लक्ष्मण राय शामिल थे। संचालन शाहनवाज़ हुसैन उर्फ नौशाद ने किया।
लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले का आरोप
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए भाकपा-माले पोलित ब्यूरो सदस्य मीना तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने में लगी है। चुनाव आयोग के मनोनयन में नियमों की अनदेखी इसका ताजा उदाहरण है। अब वकीलों के अधिकार छीनने के लिए अमेंडमेंट बिल लाया जा रहा है।
उन्होंने बिहार के 19 लाख भूमिहीन परिवारों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार के पास 21 लाख एकड़ जमीन है, फिर भी गरीबों को 5 डिसमिल जमीन नहीं मिल रही। पार्टी के “बदलो बिहार महाजुटान” के 18 सूत्री चार्टर में पहली मांग भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन, पक्का मकान, पर्चा और कब्जा दिलाने की है।
बेटी बचाओ के नारे पर सवाल
मीना तिवारी ने सासाराम की बेटी स्नेहा कुशवाहा की वाराणसी में हत्या और जमुई में संघ परिवार के साम्प्रदायिक उकसावे का जिक्र करते हुए बिहार सरकार पर संघ के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों के खिलाफ महाजुटान में हजारों की संख्या में भाग लेना आवश्यक है।
3700 आवेदन अभी तक लंबित
नगर सचिव सूरज कुमार सिंह ने बताया कि “हक दो, वादा निभाओ” अभियान के तहत 3700 लोगों के भूमि-आवास आवेदन मुशहरी अंचल में जमा किए गए थे, लेकिन आज तक किसी को जमीन का पर्चा और कब्जा नहीं मिला। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लिए 19 फरवरी से 5 मार्च तक पोर्टल खोलने की अवधि को अपर्याप्त बताया और इसे मार्च के अंत तक बढ़ाने की मांग की।
गरीबों के लिए बुलडोजर, अमीरों के लिए रास्ता
इंसाफ मंच के जिलाध्यक्ष फहद जमा ने कहा कि शहर में अतिक्रमण के नाम पर गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं, जबकि फुटपाथ पर दुकान चलाने वाले लोग प्राथमिकता में नहीं हैं। उन्होंने घोषणा की कि 2 मार्च को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हजारों लोग पूरी ताकत के साथ महाजुटान में भाग लेंगे।
सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही। इसे मोहम्मद फारूक, साजदा खातून, आबाद खातून, शांति देवी, मोहम्मद ताजू, रानी कुमारी और सोनी खातून ने भी संबोधित किया।