
दरभंगा: मखाना बोर्ड की घोषणा के बाद पहली बार केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मिथिला की धरती पर पहुंचे और राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा में मखाना किसानों के साथ किसान पंचायत में भाग लिया।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मखाना अनुसंधान केंद्र के परिसर स्थित तालाब में सफेद धोती-कुर्ता पहनकर मखाना बीज की बोआई की। इस दौरान उन्होंने किसानों से मखाना की खेती में आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की और जल्द समाधान का आश्वासन दिया।प्रेसवार्ता में कृषि मंत्री ने कहा, “किसानों की बेहतरी के लिए योजनाएँ कार्यालय में बैठकर नहीं, बल्कि किसानों के बीच जाकर बनाई जा रही हैं। बिहार के मखाना किसानों के लिए घोषित मखाना बोर्ड के गठन को लेकर हम यहाँ आए हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार का मखाना एक सुपर फूड है और इसका उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मखाना बोर्ड का गठन किसानों की सलाह के आधार पर किया जाएगा।मंत्री ने आगे कहा:
“मखाना बोर्ड का स्वरूप किसानों की राय के आधार पर तय होगा। मैं स्वयं आज किसानों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनने और समाधान करने के लिए यहाँ आया हूँ।”इस पहल से मखाना किसानों को बेहतर सुविधाएं, तकनीकी सहयोग और बाज़ार में उचित मूल्य मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री ने विश्वास दिलाया कि मखाना बोर्ड किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा और उनकी आय में वृद्धि करेगा।
“हमारे किसान भाइयों के हित में जो भी आवश्यक कदम होंगे, हम उसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करेंगे।”
— शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री, भारत सरकार
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