
सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना के निर्माण से संबंधित भुगतान में अनियमितता की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए जिला पदाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन ने विशेष जांच टीम गठित की है। यह टीम वित्तीय नियमों एवं प्रावधानों के अनुरूप भुगतान की विस्तृत जांच कर रही है।
मुख्य खबर:
जिला स्तरीय दिशा की बैठक में सरकारी विद्यालयों में आधारभूत सुविधा निर्माण में अनियमितताओं की शिकायतें सामने आईं। कुछ मामलों में प्रधानाध्यापक के फर्जी हस्ताक्षर के जरिए राशि निकासी की बात भी उठी। इसको गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने चार सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया, जिसमें शामिल हैं:
• जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी
• निदेशक, डी.आर.डी.ए. श्री संजय कुमार
• वरीय कोषागार पदाधिकारी श्री विनोद कुमार तिवारी
• वरीय उप समाहर्ता सुश्री जूली कुमारी
जांच की प्रक्रिया:
• सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से उनके हस्ताक्षर का नमूना लिया जा रहा है।
• इन हस्ताक्षरों की तुलना कोषागार से प्राप्त भुगतान अभिश्रव पर दर्ज हस्ताक्षरों से की जाएगी।
• वित्तीय प्रावधानों के अनुरूप भुगतान प्रक्रिया का परीक्षण किया जाएगा।
अब तक की जांच:
आज 03 मार्च 2025 को 07 सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक जांच कमिटी के समक्ष उपस्थित हुए और अपने हस्ताक्षर के नमूने प्रस्तुत किए। कुछ प्रधानाध्यापकों ने अनुरोध किया कि उनके नाम सार्वजनिक न किए जाएं, इसलिए उनके नाम गोपनीय रखे गए हैं।
बचे हुए प्रधानाध्यापकों के लिए अंतिम अवसर:
जिन प्रधानाध्यापकों को संदेह है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर से राशि निकाली गई है, वे 10 मार्च 2025 को कमिटी के समक्ष उपस्थित होकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
संभावित कार्रवाई:
अगर जांच में फर्जी हस्ताक्षर से अवैध निकासी की पुष्टि होती है तो:
• फॉरेंसिक जांच की अनुशंसा की जाएगी।
• प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई जाएगी।
भविष्य की कार्रवाई:
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि सरकारी विद्यालयों में वित्तीय नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। वित्त विभाग द्वारा निर्धारित CFMS ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाएगा। इस जांच की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही है।
जिलाधिकारी की अपील:
अगर किसी प्रधानाध्यापक को लगता है कि उनके हस्ताक्षर का दुरुपयोग कर अवैध निकासी की गई है, तो वे 10 मार्च तक अपनी शिकायत दर्ज कराएं। प्रशासन इस पर उचित कार्रवाई करेगा।