
मुजफ्फरपुर: बिहार में सतत जीविकोपार्जन योजना (Sustainable Livelihoods Program) की सफलता के बाद अब यह योजना देश के पांच अन्य राज्यों—महाराष्ट्र, असम, तेलंगाना, झारखंड और एक अन्य राज्य में लागू की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत अत्यंत गरीब परिवारों को लखपति बनने तक का सफर तय कराने में सहायता दी जाती है।
तेलंगाना और महाराष्ट्र की टीम ने किया अध्ययन
इस योजना की प्रभावशीलता को समझने के लिए तेलंगाना और महाराष्ट्र की टीम करीब 6 महीने पहले मुजफ्फरपुर आई थी। उन्होंने देखा कि कैसे जीविका परियोजना के माध्यम से गरीब महिलाओं का आर्थिक उत्थान किया जा रहा है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत वेबिनार का आयोजन
इस योजना के विस्तार को लेकर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के द्वारा एक वेबिनार आयोजित किया गया। इसमें संगम संकुल स्तरीय संघ की उपाध्यक्ष आशा देवी ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे ग्राम संगठन और सरकारी योजनाओं की मदद से गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर की महिलाएं बना रही नया रिकॉर्ड
डीपीएम अनीशा ने कहा कि मुजफ्फरपुर की महिलाएं सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही हैं। यही कारण है कि कई योजनाओं की पायलटिंग सबसे पहले यहीं की जाती है। सफलता के बाद इन्हें राज्य और देश के अन्य हिस्सों में लागू किया जाता है।
इस वेबिनार में दीनदयाल ग्रामीण आजीविका मिशन और ब्रॉक संस्था के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सभी पांच राज्यों के प्रतिनिधियों ने योजना की रणनीति और क्रियान्वयन मॉडल पर चर्चा की।
सतत जीविकोपार्जन योजना का विस्तार गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।