
सिटी रिपोर्टर | मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर की सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। रात के समय बाइक सवारों और राहगीरों पर कुत्तों के झुंड हमला कर रहे हैं, जिससे कई हादसे हो चुके हैं। दो साल पहले मिठनपुरा में चार साल की मासूम बच्ची को कुत्तों ने नोचकर मार डाला था। इस घटना के बाद नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
दो साल में सिर्फ योजनाएं बनीं, अमल नहीं
नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक में कुत्तों की नसबंदी का प्रस्ताव रखा गया था। 30 जनवरी 2023 को निर्णय भी लिया गया, लेकिन टेंडर प्रक्रिया अब तक अधर में लटकी है। नतीजा यह है कि शहर में हर गली-सड़क पर कुत्तों का झुंड दहशत फैला रहा है।
रमजान के दौरान रात 3 बजे पानी सप्लाई के लिए जा रहे निगम कर्मचारी पर भी कुत्तों ने हमला कर दिया। सुबह-सुबह झाड़ू लगाने वाली महिला सफाईकर्मियों को भी आए दिन कुत्ते निशाना बना रहे हैं।
खतरनाक इलाकों की सूची
वार्ड पार्षद मो. इकबाल हुसैन के अनुसार, सब्जी मंडी, हाफिनी चौक, पक्की सराय, चमड़ा गोदाम गली और सत्यनारायण मंदिर गली में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। वार्ड 26 के पार्षद प्रियरंजन कुमार बताते हैं कि ब्रह्मस्थान, कटहरे पुल सब्जी मंडी और अजय गैस गली में भी कुत्तों की समस्या गंभीर बनी हुई है।
एसकेएमसीएच और सदर अस्पताल में हजारों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगा
एसकेएमसीएच में पिछले एक साल में 4,883 लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया गया, जबकि सदर अस्पताल में यह आंकड़ा 11,000 पार कर चुका है। कल्याणी चौक, लक्ष्मी चौक, सिकंदरपुर समेत कई इलाकों में कुत्तों के हमलों से बाइक सवार गिरकर घायल हो रहे हैं।
पार्षदों की मांग – जल्द हो कार्रवाई
• वार्ड 18 की पार्षद संजू देवी – “नई बाजार सब्जी मंडी में पिछले साल एक वृद्धा को कुत्तों ने नोच डाला था। पटना में इलाज के बाद उसकी मौत हो गई।”
• वार्ड 7 की पार्षद सुषमा देवी – “आनंदपुरी और बीबीगंज मेन रोड पर हालात बदतर हैं। कुत्तों के डर से लोग शाम के समय पैदल निकलने से घबराते हैं।”
• वार्ड 31 की पार्षद रूपम कुमारी – “रामदयालु नगर, आरडीएस कॉलेज चौक और कूच्ची-पक्की रोड पर कुत्तों के झुंड का आतंक बना हुआ है।”
नगर निगम की सफाई – बजट में एक करोड़, जल्द होगी नसबंदी
मेयर निर्मला साहू के अनुसार, कुत्तों की नसबंदी के लिए नगर निगम बजट में 1 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जल्द ही कुत्तों की बढ़ती समस्या से राहत मिल सके।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
शहर में बढ़ते आवारा कुत्तों की समस्या पर पशु विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नसबंदी और वैक्सीनेशन सही तरीके से किया जाए, तो कुत्तों की संख्या नियंत्रित की जा सकती है। साथ ही आम जनता को भी जागरूक करने की जरूरत है, ताकि वे कुत्तों को सही तरीके से ट्रीट करें।
निगम की सुस्ती बनी जनता की मुसीबत
मुजफ्फरपुर में आवारा कुत्तों की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन नगर निगम की लापरवाही और सुस्त प्रशासनिक रवैये की वजह से लोग अब भी परेशान हैं। जब तक नसबंदी योजना को तेजी से लागू नहीं किया जाता, तब तक शहरवासियों को इस समस्या से जूझना ही पड़ेगा।
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