
मुजफ्फरपुर, बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी के कथित अमर्यादित बयान के खिलाफ मुजफ्फरपुर जिले के वित्त रहित शिक्षकों और कर्मियों ने कड़ा विरोध जताया। रविवार को लंगट सिंह महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर शिक्षकों और कर्मियों ने मंत्री का पुतला दहन कर सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 7 मार्च 2025 को बिहार विधान परिषद में विधान पार्षद डॉ. नवल किशोर यादव ने वित्त रहित कर्मियों के अनुदान, वेतनमान और शीतकालीन सत्र में गठित कमेटी के निर्णय से जुड़े सवाल पूछे थे। इस पर मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा दिए गए कथित अपमानजनक बयान से शिक्षकों में भारी असंतोष फैल गया।
शिक्षकों ने जताई नाराजगी
वित्त रहित शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा मंत्री की गैरमौजूदगी में सरकार के एक मंत्री ने अमर्यादित बयान दिया, जो असहनीय है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार के सभी निर्णय विधान परिषद और विधानसभा के जरिए लिए जाते हैं, फिर भी वित्त रहित शिक्षकों को लगातार उपेक्षित किया जा रहा है।
विरोध प्रदर्शन और भविष्य की चेतावनी
वित्त रहित शिक्षकों और कर्मियों ने चेतावनी दी कि वे आगामी चुनाव में सरकार को अपने वोट के माध्यम से जवाब देंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मंत्री के इस बयान ने शिक्षकों और उनके परिवारों के भविष्य को प्रभावित करने की साजिश की है, जिसका राजनीतिक खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख शिक्षक:
पुतला दहन कार्यक्रम में डॉ. रामविनोद शर्मा, डॉ. पवन कुमार सिंह, डॉ. रणविजय सिंह, डॉ. संजय सिंह, डॉ. दिनेश मिश्रा, डॉ. मंजू सिंह, डॉ. नीता सिंह, डॉ. शोभा मिश्रा, डॉ. अरविंद सिंह, डॉ. रवि प्रसाद, डॉ. ललितेश नारायण, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. ललन शर्मा समेत सैकड़ों शिक्षक और कर्मी उपस्थित थे।
शिक्षकों और कर्मियों का यह प्रदर्शन सरकार के प्रति बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो यह विरोध आंदोलन का रूप ले सकता है, जिससे सरकार को राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।