राम किशोर उच्च विद्यालय छपरा का जर्जर भवन बना खतरा, विधान परिषद में गूंजा मुद्दा

Tirhut News

राम किशोर उच्च विद्यालय छपरा का जर्जर भवन बना खतरा, विधान परिषद में गूंजा मुद्दा
नवनिर्वाचित विधान पार्षद वंशीधर ब्रजवासी ने सरकार से भवन निर्माण की मांग की
मीनापुर (मुजफ्फरपुर): छपरा (NH-77) स्थित राम किशोर उच्च विद्यालय, जो 1942 में स्थापित हुआ था, आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। 850 से अधिक छात्र-छात्राएं और 22 शिक्षक इस विद्यालय से जुड़े हैं, लेकिन पढ़ाई के लिए सिर्फ एक ही सुरक्षित कमरा उपलब्ध है। बाकी सभी कक्षाएं खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए तिरहुत स्नातक क्षेत्र के विधान पार्षद वंशीधर ब्रजवासी ने बिहार विधान परिषद में विद्यालय भवन निर्माण का मुद्दा जोरशोर से उठाया। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द नए भवन निर्माण की मांग की, ताकि बच्चों की शिक्षा बाधित न हो।

विद्यालय की जर्जर स्थिति पर चिंता

विधान पार्षद वंशीधर ब्रजवासी ने कहा:

“यह विद्यालय ऐतिहासिक धरोहर है, लेकिन प्रशासन की उपेक्षा के कारण खंडहर में बदल चुका है। यहां पढ़ने वाले बच्चों की जिंदगी दांव पर लगी है। अगर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया, तो यह भवन कभी भी गिर सकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि जिले के कई अन्य विद्यालय भवनहीन या भूमिहीन हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि पिछली “दिशा बैठक” में भी यह मुद्दा उठाया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई

छात्रों और अभिभावकों में नाराजगी

स्थानीय समाजसेवी एवं छात्र नेता अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि वे कई बार पूर्व मंत्री, जिला प्रशासन और लोक शिकायत निवारण विभाग में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

“हर साल चुनाव आते हैं, नेता वादे करते हैं, लेकिन स्कूल की स्थिति जस की तस बनी हुई है। बच्चों को खतरनाक कमरों में पढ़ाई करनी पड़ रही है। अगर कोई दुर्घटना हो गई, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?”

स्थानीय लोग बोले – सरकार को अब नींद से जागना होगा

विधान परिषद में मामला उठने के बाद स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी है। दीनबंधु क्रान्तिकारी, प्रभात कुमार प्रभाकर, अमित कुमार मुनमुन, अमित कुमार झा, शिवम झा, श्याम गोस्वामी, पप्पू राय, छोटू कुमार, राजन कुमार आदि ने खुशी जताई और कहा कि सरकार को अब तुरंत इस मामले पर एक्शन लेना चाहिए

सरकार कब करेगी कार्रवाई?

इस मामले में अब सबकी नजर सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी है। क्या बिहार सरकार जल्द से जल्द इस विद्यालय के भवन निर्माण की मंजूरी देगी, या फिर यह मुद्दा भी अन्य शिकायतों की तरह फाइलों में ही दबा रह जाएगा?

आपकी राय क्या है?

क्या सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए? नीचे कमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि प्रशासन तक आपकी आवाज पहुंचे!

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