
मुजफ्फरपुर: यूपी और बिहार के कई सरकारी व निजी अस्पतालों में मृत मरीजों के इलाज के नाम पर पैसे की उगाही और फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस गंभीर मामले को उजागर करने के बाद मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा ने बिहार व यूपी राज्य मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में तीन अलग-अलग याचिकाएँ दायर की हैं।
स्टिंग ऑपरेशन में हुआ खुलासा
दैनिक भास्कर डिजिटल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में कई अस्पतालों के कर्मचारियों और चिकित्सकों को इस घोटाले में संलिप्त पाया गया। खुफिया कैमरे में रिकॉर्ड हुई इन घटनाओं के सार्वजनिक होने के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया है।
मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा पहुँचे आयोग
इस घोटाले को लेकर मानवाधिकार मामलों के जानकार अधिवक्ता एस.के. झा ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे मानवाधिकार कानून का गंभीर उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह संज्ञेय अपराध है और इसे घोर चिकित्सकीय अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।
उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग और बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में अलग-अलग याचिकाएँ दायर कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है।
क्या हो सकती है कार्रवाई?
• दोषी चिकित्सकों और अस्पताल प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई
• आर्थिक दंड और लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश
• जाँच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन
इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद अब सबकी निगाहें मानवाधिकार आयोग की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
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