
बिहार पुलिस और एसटीएफ ने कुख्यात चुनमुन झा को एनकाउंटर में मार गिराया
Bihar News: बिहार पुलिस और एसटीएफ की टीम ने आरा के तनिष्क शोरूम लूटकांड के मास्टरमाइंड कुख्यात चुनमुन झा को अररिया में एनकाउंटर में ढेर कर दिया। चुनमुन झा अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र के मजलिसपुर गांव का रहने वाला था। उसके दादा पंचमुखी मंदिर में पुजारी हैं, जबकि पिता खेती-बाड़ी करते हैं। शांतिप्रिय परिवार से ताल्लुक रखने वाले चुनमुन झा ने कैसे अपराध की दुनिया में कदम रखा और कुख्यात गैंगस्टर बना, आइए जानते हैं उसकी पूरी क्राइम कुंडली।
तनिष्क शोरूम में 10 करोड़ की लूट, फिर एनकाउंटर
10 मार्च 2025 को आरा स्थित तनिष्क शोरूम में 10 करोड़ रुपये की लूट हुई थी। इस घटना में चुनमुन झा मुख्य साजिशकर्ता था। सीसीटीवी फुटेज में वह आखिरी शख्स के रूप में बाहर निकलते हुए देखा गया था। इस लूटकांड के बाद बिहार एसटीएफ लगातार उसकी तलाश में थी। शुक्रवार देर रात, पुलिस को सूचना मिली कि चुनमुन झा अररिया के नरपतगंज थाना क्षेत्र में छिपा हुआ है। इसके बाद एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की और थलहा नहर के पास करीब 2:30 बजे हुई मुठभेड़ में चुनमुन झा को ढेर कर दिया। इस ऑपरेशन में छह पुलिसकर्मी भी घायल हुए, जिनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।कैसे बना पुजारी का पोता कुख्यात अपराधी?
चुनमुन झा का परिवार बेहद सामान्य था। उसके दादा मंदिर में पुजारी थे और पिता किसानी करते थे। लेकिन कम उम्र में ही चुनमुन अपराध की दुनिया में उतर गया। शुरू में वह छोटी-मोटी चोरी और शराब तस्करी करता था, लेकिन धीरे-धीरे वह बड़े अपराधी गिरोहों के संपर्क में आ गया।
2021 में वह पहली बार चर्चा में आया, जब लोजपा नेता जितेंद्र उरांव की हत्या में उसका नाम सामने आया। इसके बाद उसने बिहार-झारखंड के कई लूटकांडों में भाग लिया और धीरे-धीरे एक कुख्यात अपराधी बन गया।
2024 पूर्णिया तनिष्क शोरूम लूटकांड में भी था शामिल
पिछले साल 2024 में पूर्णिया के तनिष्क शोरूम में भी बड़ी लूट हुई थी, जिसमें चुनमुन झा शामिल था। इस वारदात के बाद वह लंबे समय तक पुलिस से बचता रहा। पुलिस के अनुसार, चुनमुन झा का नेटवर्क बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और नेपाल तक फैला हुआ था।
मोस्ट वांटेड की लिस्ट में था शामिल
चुनमुन झा बिहार पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था। उस पर लूट, हत्या, डकैती, रंगदारी जैसे कई संगीन मामले दर्ज थे। पुलिस ने चुनमुन झा पर तीन लाख रुपये का इनाम भी रखा था।
एनकाउंटर पर परिवार ने उठाए सवाल
एनकाउंटर के बाद चुनमुन झा के भाई राजीव कुमार झा ने पुलिस पर सवाल उठाए। उसने कहा,
“विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था, वो भाग रहा था तो उसे पीछे से गोली मारी गई थी। लेकिन मेरे भाई को तो दोनों हाथ पकड़कर सामने से गोली मारी गई। ये एनकाउंटर नहीं, हत्या है।”
हालांकि, पुलिस ने इसे पूरी तरह से सही कार्रवाई बताया है और कहा है कि चुनमुन झा की गिरफ्तारी के दौरान मुठभेड़ हुई, जिसमें उसकी मौत हो गई।
बिहार पुलिस के लिए बड़ी सफलता
चुनमुन झा का एनकाउंटर बिहार पुलिस और एसटीएफ के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इससे बिहार में संगठित अपराध पर बड़ा असर पड़ सकता है। पुलिस अब उसके गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है।
तिरहूत न्यूज़ के लिए विशेष रिपोर्ट