
वैशाली: बिहार की सियासत में अपनी खास शैली के लिए मशहूर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भले ही बीमारियों से जूझ रहे हों, लेकिन उनकी पुरानी आदतें अभी भी बरकरार हैं। इसका ताजा नजारा तब देखने को मिला जब उन्होंने मकई की रोटी और बथुआ के साग के लिए अपने काफिले को बीच रास्ते रुकवा दिया।
दरअसल, लालू प्रसाद यादव मुजफ्फरपुर जाने के क्रम में हाजीपुर के भगवानपुर पहुंचे, तो उन्हें अपने पुराने स्वाद की याद आ गई। उन्होंने राजद नेता केदार प्रसाद यादव को फोन कर मकई की रोटी और बथुआ का साग मंगवाया। कुछ ही देर में उनके कार्यकर्ता ने गर्मागर्म रोटी और साग पहुंचा दिया, जिसे लालू यादव ने अपनी गाड़ी में रखवाया और फिर उनका काफिला आगे बढ़ गया।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण लालू यादव काफी सावधानी बरतते हैं और अपनी विशेष गाड़ी से ही यात्रा करते हैं। आमतौर पर वे किसी कार्यक्रम में सीधे पहुंचते हैं, लेकिन इस बार उनकी मकई की रोटी और बथुआ के साग के प्रति मोह ने उन्हें काफिला रोकने पर मजबूर कर दिया।
लालू यादव और देहाती खाने का प्रेम
लालू प्रसाद यादव का देहाती खाने के प्रति प्रेम जगजाहिर है। वे हमेशा से सादा और पारंपरिक बिहारी भोजन के बड़े शौकीन रहे हैं। चाहे दही-चूड़ा हो, सत्तू हो या फिर लिट्टी-चोखा, उनकी थाली में देसी स्वाद हमेशा से मौजूद रहा है। इस बार मकई की रोटी और बथुआ का साग ने उनके सफर को भी खास बना दिया।
राजनीति से इतर, लालू यादव का यह अंदाज उनके समर्थकों को हमेशा आकर्षित करता है। उनकी सादगी और देहाती अंदाज आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी रहती है।