
2022 में लापता हुए युवक का अब तक सुराग नहीं, पीड़ित परिवार ने की सीआईडी जांच की मांग!
मुजफ्फरपुर: जिले के मीनापुर थाना क्षेत्र के पिपराहाँ गाँव से 05 दिसंबर 2022 को लापता हुए युवक का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। मामले की जांच के लिए कांड संख्या – 625/22 मीनापुर थाना में दर्ज है, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता के कारण अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पीड़ित पिता योगेंद्र भगत का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे अजीत कुमार की गुमशुदगी के मामले को गंभीरता से नहीं लिया। जब वे थाने में शिकायत दर्ज कराने गए, तो पुलिस ने 2 किलो लहसुन और 500 रुपये की मांग की। पैसे और लहसुन न देने पर पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
मानवाधिकार आयोग पहुँचा मामला
पुलिस की उदासीनता से परेशान होकर पीड़ित परिवार ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा की मदद से बिहार मानवाधिकार आयोग एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की है। अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि,
“यह मामला बेहद गंभीर और संवेदनशील है। एक युवक लापता है, लेकिन पुलिस उसकी खोजबीन के बजाय भ्रष्टाचार में लिप्त है। इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच के लिए सीआईडी जांच की आवश्यकता है।”
पुलिस पर उठ रहे सवाल
लापता युवक अजीत कुमार के पिता योगेंद्र भगत ने बताया कि 05 दिसंबर 2022 को उनका बेटा सुबह शहर के लिए निकला था, लेकिन आज तक वापस नहीं आया। जब उन्होंने पानापुर ओपी में शिकायत दी, तो मीनापुर थाना में केस दर्ज हुआ, लेकिन थानेदार और पुलिसकर्मियों ने गाली देकर भगा दिया।
सीआईडी जांच की माँग
परिवार की मांग है कि मामले की सीआईडी जांच हो, ताकि अजीत कुमार का पता लगाया जा सके और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो। अधिवक्ता एस. के. झा के अनुसार, यदि पुलिस जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो वे न्यायिक हस्तक्षेप की मांग करेंगे।
इस मामले ने एक बार फिर बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है, जबकि पुलिस महज 2 किलो लहसुन और 500 रुपये के फेर में मामले को ठंडे बस्ते में डाल चुकी है। अब देखना यह होगा कि मानवाधिकार आयोग और न्यायालय इस मामले में क्या कदम उठाते हैं?