
बेगूसराय: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) ने लालू यादव, कन्हैया कुमार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। बेगूसराय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान PK ने कहा कि लालू यादव सिर्फ अपने बेटे तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन बिहार के 13 करोड़ लोगों की चिंता उन्हें नहीं है। उन्होंने कांग्रेस की ‘पलायन रोको यात्रा’ और नीतीश कुमार की डोमिसाइल नीति पर भी सवाल उठाए।
लालू यादव पर निशाना: “लालू जी की दुनिया सिर्फ तेजस्वी तक सीमित”
प्रशांत किशोर ने लालू यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा,
“लालू जी को बिहार के 13 करोड़ लोगों की कोई चिंता नहीं है। उनके लिए पूरा बिहार सिर्फ एक लाल के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसका नाम तेजस्वी यादव है। वे अपने परिवार से आगे नहीं सोच सकते, तो उन्हें यह कैसे दिखेगा कि बिहार में और कौन योग्य है?”
PK का यह बयान बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ सकता है, क्योंकि लालू यादव लंबे समय से खुद को बिहार के पिछड़े वर्गों का नेता बताते आए हैं।
कन्हैया कुमार और कांग्रेस पर हमला: “बिहारियों को मजदूर बताने वालों को जवाब देना होगा”
PK ने कांग्रेस की ‘पलायन रोको यात्रा’ पर तंज कसते हुए कहा कि जन सुराज के प्रभाव के कारण ही कांग्रेस को बिहार में सक्रिय होना पड़ा। उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयान का जिक्र करते हुए कहा,
“जब कांग्रेस के मुख्यमंत्री बिहारियों को मजदूर बनने के लिए ही पैदा हुआ बताते हैं, तब कन्हैया कुमार और राहुल गांधी को इस पर जवाब देना चाहिए। बिहार के बाहर उनके नेता हमें गाली देते हैं और यहां आकर वोट मांगते हैं—यह दोहरा रवैया नहीं चलेगा।”
नीतीश कुमार की डोमिसाइल नीति पर हमला: “PM बनने के लिए बिहार के युवाओं का भविष्य दांव पर लगा दिया”
PK ने नीतीश कुमार की डोमिसाइल नीति को बिहार के युवाओं के साथ धोखा बताया। उन्होंने कहा,
“नीतीश कुमार को पिछले 10 साल से प्रधानमंत्री बनने का भूत सवार था। उन्होंने अपनी छवि चमकाने के लिए बिहार के युवाओं की नौकरियों की कुर्बानी दे दी।”
PK ने साफ किया कि जन सुराज की मांग है कि बिहार की सरकारी नौकरियों में 75% सीटें बिहार के युवाओं के लिए आरक्षित होनी चाहिए।
राजनीतिक असर:
PK के इन बयानों से बिहार की राजनीति में हलचल मचनी तय है। लालू यादव, कांग्रेस और नीतीश कुमार पर सीधा हमला कर उन्होंने यह संकेत दे दिया कि जन सुराज किसी भी पार्टी को बिहार की जनता के मुद्दों से भागने नहीं देगा। आगामी चुनावों में यह मुद्दे कितना असर डालते हैं, यह देखने वाली बात होगी।