
शिवहर: शिवहर इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा आकांक्षा (23) की हॉस्टल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक ओर जहां प्रशासन इसे आत्महत्या बता रहा है, वहीं आकांक्षा के पिता इसे हत्या करार दे रहे हैं। कॉलेज प्रशासन की चुप्पी, सूचना देने में देरी और आरोपी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर ने इस घटना को संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है।
हॉस्टल के कमरे में मिला शव, लेकिन सूचना देरी से क्यों?
शनिवार शाम इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की अंतिम वर्ष की छात्रा आकांक्षा का शव उसके हॉस्टल के कमरे में मिला। घटना शाम 6:30 बजे हुई, लेकिन परिजनों को इसकी औपचारिक सूचना रात 9 बजे के बाद दी गई। इससे पहले, आकांक्षा के पिता को एक अज्ञात युवक का फोन आया, जिसने बताया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है।
कौन था वह युवक? कॉलेज प्रशासन से पहले उसे कैसे मिली सूचना?
परिजनों को सूचना देने वाला युवक कॉलेज का छात्र भी नहीं था, बल्कि वह मोतिहारी कॉलेज से जुड़ा हुआ था। सवाल उठता है कि उसे आकांक्षा की मौत की जानकारी कैसे मिली, जबकि कॉलेज प्रशासन इस पर पूरी तरह चुप था? क्या यह महज संयोग था या फिर किसी रणनीति का हिस्सा?
पिता का आरोप: “यह आत्महत्या नहीं, हत्या है”
आकांक्षा के पिता तारकेश्वर प्रसाद शाही ने बेटी की मौत को सुनियोजित हत्या बताते हुए शिवहर इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रिकल विभाग के प्रोफेसर सनय और हॉस्टल वार्डन रूपा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। पिता का आरोप है कि प्रोफेसर आए दिन आकांक्षा को कॉलेज से निकालने की धमकी देता था, जबकि वार्डन मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थी।
पिता के अनुसार कॉलेज प्रशासन ने क्या किया?
आकांक्षा के पिता का कहना है कि जब वे कॉलेज पहुंचे, तो उन्हें उनकी बेटी के कमरे में जाने तक नहीं दिया गया। अधिकारियों ने उनके साथ मारपीट की और शव को छिपाने की कोशिश की।
“कॉलेज प्रशासन ने बेटी की मौत की सूचना तक नहीं दी। जब मैं कॉलेज पहुंचा तो मुझे कमरे में नहीं जाने दिया गया, बल्कि मेरे साथ मारपीट की गई। मुझे मुआवजा नहीं चाहिए, बस मेरी बेटी के लिए न्याय चाहिए।” – तारकेश्वर प्रसाद शाही, आकांक्षा के पिता
वार्डन की चुप्पी और प्रशासन की निष्क्रियता
आकांक्षा के पिता का कहना है कि उन्होंने कई बार वार्डन को फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाया। क्या वार्डन की जिम्मेदारी केवल हॉस्टल की उपस्थिति रजिस्टर तक सीमित थी? जब छात्रा की मौत हो चुकी थी, तो कॉलेज प्रशासन ने ढाई घंटे तक परिजनों को सूचित क्यों नहीं किया?
पिता पर एसडीओ से बदसलूकी का आरोप, पुलिस कार्रवाई
शिवहर एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने कहा कि आकांक्षा के पिता द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने खुद एसडीओ के साथ दुर्व्यवहार किया और उनका चश्मा तक तोड़ दिया। इस मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस का लाठीचार्ज और गिरफ्तारियां
आकांक्षा की मौत से नाराज छात्रों ने कॉलेज में प्रदर्शन किया और जमकर तोड़फोड़ की। प्रशासन ने 16 छात्रों को गिरफ्तार किया और 250 छात्रों पर एफआईआर दर्ज की। कॉलेज प्रशासन ने हॉस्टल खाली करा दिया और कॉलेज को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया।
मोबाइल और चैट हिस्ट्री से खुल सकते हैं राज
आकांक्षा का मोबाइल इस मामले की सबसे अहम कड़ी बन सकता है। उसकी कॉल डिटेल्स, चैट हिस्ट्री और आखिरी बातचीत से यह पता चल सकता है कि वह किन लोगों के संपर्क में थी। क्या उसने अपनी मौत से पहले कोई संदेश छोड़ा था?
परिवार की मांग: सीबीआई जांच हो
आकांक्षा के पिता ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
अब जनता का सवाल
• आकांक्षा के पिता को कॉलेज प्रशासन से पहले एक बाहरी व्यक्ति ने सूचना क्यों दी?
• कॉलेज प्रशासन ने ढाई घंटे तक सूचना देने में देरी क्यों की?
• वार्डन और प्रोफेसर पर पहले से कोई शिकायत थी या नहीं?
• आकांक्षा की मौत के पीछे कोई गहरी साजिश तो नहीं?
आकांक्षा की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन की निष्क्रियता, वार्डन की चुप्पी, और सूचना देने में हुई देरी से मामला संदिग्ध बन गया है। अब देखना यह है कि पुलिस और सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और आकांक्षा को न्याय मिल पाता है या नहीं।