
स्पेशल रिपोर्ट | तिरहूत न्यूज
जनाढ़ स्थित बागमती उच्च विद्यालय के भवन निर्माण के लिए ढाई वर्ष पूर्व दान की गई भूमि का अब तक म्यूटेशन नहीं हो सका है। यह गंभीर लापरवाही तब है जब पूर्व भू-राजस्व मंत्री ही स्कूल के पदेन अध्यक्ष हैं।
मामले की पड़ताल में बड़ा खुलासा
जब इस विषय पर तहकीकात की गई तो सामने आया कि दान में दी गई 1115 खेसरा नंबर की जमीन ऑनलाइन जमाबंदी में दर्ज ही नहीं है।
भू-राजस्व विभाग के नए नियमों के अनुसार, म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन जमाबंदी पर जमीन का दिखना अनिवार्य है। यही तकनीकी पेंच इस विद्यालय की नई इमारत बनने में बाधा बना हुआ है।
पूर्ववर्ती छात्रों का आंदोलन और प्रशासन का ढुलमुल रवैया
इस विद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। 1968 में प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामवृक्ष बेनीपुरी के प्रयास से इसकी स्थापना हुई थी। लेकिन 2004 में बागमती परियोजना के चलते विद्यालय बांध के अंदर आ गया, जिससे विद्यालय के मूल भवन को काफी क्षति पहुँची।
मार्च 2014 में आईआईटीयन विक्रांत वत्सल के नेतृत्व में पूर्ववर्ती छात्रों ने अनशन किया, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन आज भी विद्यालय गांव के एक मध्य विद्यालय के दो कमरों में संचालित हो रहा है।
दान की गई जमीन और राज्यपाल के नाम निबंधन
स्थानीय समाजसेवियों की पहल पर 6 जुलाई 2022 को विद्यालय के पूर्व प्राचार्य स्व. चंद्र नारायण मिश्र के पुत्रों ने विद्यालय के लिए 39 डिसमिल भूमि दान में दी। इसका निबंधन राज्यपाल के नाम से हुआ, लेकिन ढाई साल बाद भी म्यूटेशन नहीं कराया जा सका।
विडंबना यह है कि जब यह भूमि दान में दी गई, तब वर्तमान विधायक राज्य के भू-राजस्व मंत्री थे। बावजूद इसके, विद्यालय प्रबंधन लगातार राजस्व विभाग के चक्कर लगा रहा है और एक साल से फाइलें अटकी हुई हैं।
शिक्षकों और छात्रों के लिए मुश्किलें
विद्यालय में 24 शिक्षक और 647 छात्र नामांकित हैं, जिनमें 144 प्लस टू के छात्र भी शामिल हैं। शिक्षकों को बैठने तक की सुविधा नहीं है, जिससे शैक्षणिक माहौल प्रभावित हो रहा है।
प्रशासन कब करेगा कार्रवाई?
बड़ा सवाल यह है कि जब राज्य के पूर्व भू-राजस्व मंत्री ही स्कूल के पदेन अध्यक्ष हैं, तो फिर इस मामले को लेकर इतनी लापरवाही क्यों?
क्या विद्यालय को अपनी जमीन का अधिकार दिलाने के लिए फिर से आंदोलन की जरूरत पड़ेगी, या प्रशासन खुद इस ओर ध्यान देगा?
📌 तिरहूत न्यूज इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों और पूर्व मंत्री से जवाब मांगने का प्रयास करेगा।
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