
पटना। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरक्षण नीति को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति और चुनावी लाभ के लिए समाज में जातियों का वर्गीकरण किया और इसे अपने हितों के अनुसार बदला।
नीतीश कुमार की आरक्षण नीति पर PK का तंज
प्रशांत किशोर ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की ‘Annexure 1’ सूची में 23 नई जातियाँ जोड़ी गईं, जो यह दर्शाता है कि नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए आरक्षण नीति में बदलाव किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार Annexure 1 और Annexure 2 की सूची में बदलाव कर सकती है, लेकिन किसी जाति को अनुसूचित जाति (SC) या अन्य वर्गों में शामिल करने का अंतिम अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है।
तांती-तंतवा समुदाय का मामला
PK ने उदाहरण देते हुए बताया कि नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले तांती-तंतवा समुदाय को अनुसूचित जाति (SC) का दर्जा देने की घोषणा की, लेकिन केंद्र सरकार या कोर्ट में इसे मान्यता दिलाने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की। नतीजा यह हुआ कि बाद में यह जाति फिर से अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) की सूची में डाल दी गई।
PK का आरोप: वोट बैंक की राजनीति
प्रशांत किशोर का कहना है कि नीतीश कुमार ने आरक्षण नीति में बार-बार बदलाव कर जातिगत संतुलन के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास किया, जबकि हकीकत में इससे समाज के वास्तविक वंचित वर्गों को कोई लाभ नहीं मिला।
बिहार की राजनीति में नई हलचल
PK के इस बयान से बिहार की राजनीति में नई बहस छिड़ गई है। जहां विरोधी दल इसे नीतीश कुमार की ‘सोची-समझी रणनीति’ बता रहे हैं, वहीं जदयू (JDU) के नेता PK के आरोपों को बेबुनियाद करार दे रहे हैं।
देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार या उनकी पार्टी इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और बिहार की राजनीति में यह मुद्दा कितना असर डालता है।