
मुजफ्फरपुर | विशेष रिपोर्ट
सोशल मीडिया पर हथियार लहराते हुए रील बनाना और उसे अपलोड करना युवाओं के बीच तेजी से एक ट्रेंड बनता जा रहा है। जिले में पिछले 15 महीनों में 65 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जहां युवाओं ने अवैध हथियारों के साथ अपनी धाक जमाने की कोशिश की। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इन वीडियो के पीछे गैंगस्टर कल्चर का प्रभाव, सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स बढ़ाने की होड़ और अवैध हथियारों की उपलब्धता मुख्य कारण हैं।
हर माह 4-5 नए मामले, कई गिरफ्तार – कई फरार
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जनवरी 2024 से मार्च 2025 तक हर महीने औसतन 4-5 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। कुछ मामलों में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जबकि कई अब भी फरार हैं। हाल ही में कांटी, अहियापुर, मिठनपुरा और सकरा इलाकों में पुलिस ने युवाओं को पिस्टल, देसी कट्टा और अन्य अवैध हथियारों के साथ पकड़ा है।
माहवार आंकड़े (जनवरी 2024 – मार्च 2025)
सोशल मीडिया पर पुलिस की सख्त निगरानी
सिटी एसपी विश्वजीत दयाल ने कहा,
“हम सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रख रहे हैं और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई कर रहे हैं। यह गैरकानूनी और खतरनाक है। युवाओं को जागरूक होने की जरूरत है।”
पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम ट्रेंडिंग रील्स और पोस्ट्स पर नजर रख रही है। पिछले कुछ महीनों में कई अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि अवैध हथियारों की तस्करी पड़ोसी राज्यों से होती है।
पावर हाउस चौक पर लूट: टोटो चालक पर पिस्टल से हमला
मुजफ्फरपुर में पावर हाउस चौक पर एक टोटो चालक को अपराधियों ने पिस्टल की बट से मारकर जख्मी कर दिया और 1,500 रुपये लूटकर फरार हो गए।
पीड़ित का बयान:
टोटो चालक आकाश कुमार ने पुलिस को बताया कि वह भगवानपुर पुल के पास से लौट रहा था, तभी तीन बदमाशों ने उसे रोका। उनमें से एक, मो. अमन, ने पीछे से पिस्टल की बट से हमला किया, जिससे वह गिर गया। बदमाशों ने उसके हाथ और कंधे पर भी हमला किया और जेब से पैसे निकालकर फरार हो गए।
नगर थानेदार शरत कुमार ने कहा कि पीड़ित का फर्द बयान दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
समस्या की जड़ और समाधान
• गैंगस्टर कल्चर: फिल्मों और सोशल मीडिया पर अपराधियों को महिमामंडित करने से युवा प्रभावित हो रहे हैं।
• अवैध हथियारों की तस्करी: कई मामले ऐसे हैं, जहां बिहार के सीमावर्ती राज्यों से हथियार लाए जाते हैं।
• सोशल मीडिया पर फेम पाने की लालसा: लाइक्स और फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए युवा जोखिम भरे वीडियो बना रहे हैं।
पुलिस और प्रशासन की कोशिशें:
• सोशल मीडिया मॉनिटरिंग तेज की गई है।
• अवैध हथियारों की सप्लाई चेन पर शिकंजा कसने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई गई है।
• युवाओं को जागरूक करने के लिए स्कूल-कॉलेजों में सेमिनार और कैंपेन चलाए जाएंगे।
सोशल मीडिया पर लाइक्स और पहचान पाने के लिए हथियारों के साथ रील बनाना सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकता है। पुलिस की सख्ती और समाज की जागरूकता ही इस खतरनाक ट्रेंड पर लगाम लगा सकती है।