
मुजफ्फरपुर, तिरहूत न्यूज़
रमजान का पाक महीना अब अपने अंतिम चरण में है। आज आखिरी जुमे की नमाज अदा की जाएगी, जिसे ‘अलविदा जुमा’ कहा जाता है। इस मौके पर मस्जिदों में विशेष इबादत का सिलसिला जारी है।
मस्जिदों में एतकाफ का माहौल
रमजान के आखिरी दस दिनों में की जाने वाली खास इबादत ‘एतकाफ’ के लिए बड़ी संख्या में लोग मस्जिदों में जमा हुए हैं। मुजफ्फरपुर की चंदवारा मस्जिद में कई लोग एतकाफ कर रहे हैं। इस दौरान वे पूरी तरह से इबादत में लीन रहते हैं और किसी से कोई बातचीत नहीं करते।
मौलाना आले हसन ने बताया कि एतकाफ फर्जे किफाया है, यानी यदि मोहल्ले में एक व्यक्ति भी एतकाफ कर ले, तो पूरे मोहल्ले की ओर से यह कर्तव्य पूरा मान लिया जाता है। लेकिन अगर कोई भी एतकाफ नहीं करता, तो मोहल्ले के सभी लोग गुनहगार माने जाएंगे।
चांद दिखने के बाद बाहर निकलेंगे एतकाफी
जो लोग एतकाफ में बैठे हैं, वे ईद का चांद नजर आने के बाद ही मस्जिद से बाहर निकलेंगे। मौलाना ने कहा कि रमजान का यह पाक महीना अल्लाह की रहमतों और बरकतों से भरा होता है। जो लोग इसे पूरी श्रद्धा से मनाते हैं, वे खुशनसीब हैं।
ईद से पहले करें गरीबों का हक अदा – ‘फितरा’
ईद से पहले गरीबों और जरूरतमंदों को ‘फितरा’ अदा करने का हुक्म है। इस साल फितरे की राशि ₹60 प्रति व्यक्ति तय की गई है। फितरा वही व्यक्ति देगा, जिसकी कुल संपत्ति साढ़े सात तोला सोने या उससे अधिक की हो।
कैसे और किसे दें फितरा?
• हर परिवार के मुखिया को अपने परिवार के हर सदस्य के नाम से फितरा अदा करना होगा।
• अगर किसी परिवार में 10 लोग हैं, तो उन्हें ₹600 किसी गरीब को देना अनिवार्य होगा।
• पहला हक गरीब रिश्तेदारों का है।
• अगर रिश्तेदारों में कोई जरूरतमंद न हो, तो मोहल्ले या पड़ोस के गरीबों को देना चाहिए।
• मोहल्ले में भी कोई जरूरतमंद न मिले, तो बाहरी किसी जरूरतमंद को या मदरसों में भी यह राशि दी जा सकती है।
रमजान की विदाई और ईद की तैयारियां
रमजान के आखिरी दिनों में शहरभर में ईद की तैयारियां जोरों पर हैं। बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। गुरुवार को कंपनीबाग में टोपी, इत्र, और कपड़ों की दुकानों पर लोगों की भीड़ नजर आई।
रमजान के इस पाक महीने को अलविदा कहते हुए लोग ईद की खुशियों की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही जरूरतमंदों की मदद करना भी इस महीने की खास तालीम में शामिल है।
— तिरहूत न्यूज़