
बिहार में मिला गिद्ध या अंतरराष्ट्रीय निगरानी की साजिश? जांच में जुटे अधिकारी
मोतिहारी में गिद्ध के शरीर पर GPS, कैमरा और चिप! कहीं अंतरराष्ट्रीय ट्रैकिंग मिशन तो नहीं?
तिरहूत न्यूज, मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में शनिवार को एक रहस्यमयी घटना सामने आई। मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के मधुबनी बरदाहा गांव में ग्रामीणों ने एक गिद्ध को पकड़ा, जिसके शरीर पर माइक्रो चिप, कैमरा और GPS डिवाइस लगे हुए थे। यह देखकर गांव में सनसनी फैल गई और अंतरराष्ट्रीय निगरानी को लेकर अटकलें लगाई जाने लगीं।
गिद्ध पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस – साइंटिफिक रिसर्च या जासूसी?
विश्व भर में पक्षियों पर GPS ट्रैकिंग डिवाइस और माइक्रो चिप लगाने की परंपरा नई नहीं है। कई देशों में संरक्षण परियोजनाओं और वैज्ञानिक शोधों के लिए गिद्धों पर इलेक्ट्रॉनिक टैगिंग की जाती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह गिद्ध भी किसी अंतरराष्ट्रीय निगरानी मिशन का हिस्सा था?
कैसे पकड़ा गया गिद्ध?
गांव वालों ने जब इस गिद्ध को उड़ते देखा, तो वे पहले तो चौंक गए क्योंकि इतने लंबे समय बाद उन्होंने इस पक्षी को देखा था। जब उन्होंने गिद्ध को पकड़ लिया, तो उसके शरीर पर कैमरा और चिप देखकर वे डर गए और तुरंत पुलिस को सूचित किया।
पुलिस और वन विभाग ने किया रेस्क्यू
मुफ्फसिल पुलिस ने सूचना मिलते ही वन विभाग को बुलाया और गिद्ध को रेस्क्यू कर लिया। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है।
क्या यह नेपाल या किसी अन्य देश की ट्रैकिंग योजना है?
पूर्वी चंपारण के एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि यह नेपाल के गिद्ध संरक्षण केंद्र से संबंधित हो सकता है, जहां गिद्धों पर GPS टैगिंग की जाती है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसी द्वारा निगरानी के लिए इसका इस्तेमाल किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
VTR को सौंपा गया गिद्ध
वन विभाग ने गिद्ध को वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (VTR) के अधिकारियों को सौंप दिया है। मोतिहारी के रेंज ऑफिसर नारायण लाल सेवक ने कहा कि गिद्ध के शरीर पर कैमरा और चिप लगे होने की वजह से इसे उच्च स्तरीय जांच के लिए भेजा जाएगा।
ग्रामीणों में दहशत, अंतरराष्ट्रीय साजिश की आशंका?
गिद्ध के शरीर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस देखकर गांव के लोग घबरा गए। कुछ लोगों को आशंका है कि यह किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय निगरानी मिशन का हिस्सा हो सकता है। स्थानीय लोगों ने सरकार से इस घटना की गहन जांच करने की मांग की है।
इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं?
• पाकिस्तान में भी 2016 में एक ऐसा ही गिद्ध पकड़ा गया था, जिस पर इजरायली ट्रैकिंग डिवाइस लगे थे।
• भारत में भी कई बार सीमा क्षेत्रों में ट्रैकिंग डिवाइस लगे पक्षी देखे गए हैं, जिन पर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो चुकी हैं।
अब देखना यह है कि यह घटना मात्र एक वैज्ञानिक शोध का हिस्सा थी या किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय मिशन का संकेत?
“तिरहूत न्यूज” से विशेष रिपोर्ट