
पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपनी रणनीति को धार देने में जुट गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अपने बिहार दौरे के दूसरे दिन पटना के बापू सभागार में आयोजित राज्य सहकारिता सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने सहकारिता विभाग की 823 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। साथ ही, लालू प्रसाद यादव पर जमकर निशाना साधते हुए बिहार में पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों की आलोचना की।
भारत माता की जय का उद्घोष
अमित शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत में मौजूद जनता से मुट्ठी बांधकर “भारत माता की जय” का नारा लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि जयघोष इतनी जोर से हो कि प्रधानमंत्री तक उसकी आवाज पहुंचे। शाह ने हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नवरात्रि के पहले दिन सहकारिता के क्षेत्र में भूमि पूजन करना शुभ संकेत है।
लालू यादव पर करारा हमला
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में लालू यादव और उनकी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “लालू यादव के शासनकाल में बिहार में सहकारिता पूरी तरह चौपट हो गई थी। उनके कार्यकाल में राज्य जातीय नरसंहार और चारा घोटाले जैसे घोटालों के लिए बदनाम हुआ।” शाह ने कहा कि 75 वर्षों तक किसी ने सहकारिता मंत्रालय की जरूरत नहीं समझी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे प्राथमिकता दी और इसके लिए अलग मंत्रालय बनाया। उन्होंने दावा किया कि इस फैसले से बिहार को सबसे अधिक लाभ मिलेगा।
बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से चालू करने का वादा
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि बिहार की बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से चालू करने के लिए सरकार पूरी ताकत लगा देगी। उन्होंने कहा, “आज किसानों की खेती का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जा रहा है। हमारी सरकार आने के बाद हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बिहार की बंद पड़ी चीनी मिलें फिर से शुरू हों और किसानों को उनका हक मिले।”
2025 में एनडीए सरकार बनाने का आह्वान
अमित शाह ने बिहार की जनता से 2025 में एनडीए सरकार बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब-जब बिहार में लालू-राबड़ी की सरकार आई, तब-तब विनाश आया। भाजपा राज्य में स्थायी विकास और सुशासन की गारंटी के साथ आगे बढ़ रही है।
भाजपा के इस राजनीतिक अभियान से स्पष्ट है कि पार्टी बिहार चुनाव को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो चुकी है। अमित शाह के इस दौरे से राज्य की राजनीति में सरगर्मी और बढ़ गई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में विपक्षी दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।