
बिहार: बेगूसराय के एक परीक्षा केंद्र पर शनिवार को एक अजीबो-गरीब नजारा देखने को मिला, जब एक परीक्षार्थी एक हाथ में कलम और एडमिट कार्ड, तो दूसरे हाथ में हथकड़ी पहने पुलिसकर्मियों के साथ परीक्षा देने पहुंचा। यह दृश्य देख छात्र-छात्राएं, स्कूल प्रबंधन और अन्य लोग भौचक रह गए।
जब लोगों को पता चला कि यह कोई आम परीक्षार्थी नहीं, बल्कि एक कुख्यात अपराधी है, तो वहां मौजूद कई लोग दूरी बनाकर खड़े हो गए। वहीं, कुछ ने उसकी शिक्षा के प्रति लगन को सराहते हुए उसके जज़्बे की तारीफ भी की।
जेल से परीक्षा केंद्र तक की कहानी यह मामला तेघड़ा अनुमंडल क्षेत्र के आर.बी.एस. कॉलेज, तेयाय का है, जहां ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा बीए पार्ट-थ्री की परीक्षा आयोजित की जा रही थी। आर.सी.एस.एस. कॉलेज, बीहट के छात्र हिमांशु कुमार, जो कि जेल में बंद है, को कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा देने लाया गया।
हिमांशु कुमार पर नया गांव थाना क्षेत्र के महेंदपुर गांव में एक सीएसपी संचालक से हथियार के बल पर लूट और जानलेवा हमले का आरोप है। इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह जेल में बंद है। यह घटना पिछले साल सितंबर महीने में हुई थी और इलाके में काफी चर्चा में रही।
कोर्ट के आदेश पर परीक्षा में शामिल हुआ आरोपी हिमांशु कुमार की पढ़ाई के प्रति ललक को देखते हुए उसे कोर्ट से परीक्षा में बैठने की अनुमति मिली। न्यायालय के आदेश पर पुलिस सुरक्षा में उसे परीक्षा केंद्र लाया गया, जहां उसे अलग कक्ष में बैठाकर परीक्षा देने का अवसर दिया गया। परीक्षा के दौरान हिमांशु कुमार पूरी गंभीरता और शालीनता से उत्तर लिखता नजर आया।
रामविलास सिंह महाविद्यालय, तेयाय के प्राचार्य डॉ. गाजी सलाहुद्दीन ने बताया कि माननीय न्यायालय मिट्ठू रानी के आदेश पर हिमांशु को पुलिस बल और प्रभारी अधिकारी की देखरेख में परीक्षा देने की अनुमति दी गई।
एक ओर जहां हिमांशु पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं, वहीं उसकी शिक्षा के प्रति रुचि ने लोगों को चौंका दिया। यह मामला शिक्षा के अधिकार और कानून व्यवस्था के बीच के संतुलन को भी दर्शाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हिमांशु आगे अपनी शिक्षा जारी रखता है या फिर अपने पुराने अपराधों की ओर लौटता है।