
पटना/लखनऊ: देश में इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने की आशंका है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बिहार और उत्तर प्रदेश सहित देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने गर्मी से होने वाली बीमारियों को देखते हुए सभी राज्यों को आपातकालीन प्रबंधन तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।
गर्मी का प्रकोप: यूपी-बिहार में हालात गंभीर
बिहार और उत्तर प्रदेश में पिछले वर्षों में भीषण गर्मी के कारण कई लोगों की मौत हुई थी। 2024 में यूपी में 52 और बिहार में 37 लोगों की मौत हीट स्ट्रोक से हुई थी। इस बार IMD का अनुमान है कि तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है, जिससे हीटवेव का खतरा बढ़ जाएगा।
हीट स्ट्रोक का खतरा: लक्षण और बचाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भीषण गर्मी के दौरान सबसे बड़ी चिंता हीट स्ट्रोक होती है, जिसमें शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है। लक्षणों में चक्कर आना, कमजोरी, सिरदर्द, तेज़ बुखार, उल्टी और बेहोशी शामिल हैं। यदि समय पर इलाज न मिले, तो अंगों के फेल होने का खतरा रहता है।
बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय:
• दिन में 12 बजे से 3 बजे के बीच धूप में जाने से बचें।
• हल्के और ढीले कपड़े पहनें।
• पानी, लस्सी, शिकंजी, नारियल पानी आदि का अधिक सेवन करें।
• शराब और कैफीन युक्त पेय पदार्थों से बचें।
• बाहर निकलते समय टोपी या छाता का उपयोग करें।
• बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
सरकार का प्लान: स्वास्थ्य सुविधाओं को किया जा रहा तैयार
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं। इसके तहत:
• सरकारी अस्पतालों में हाइड्रेशन सेंटर बनाए जाएंगे।
• हीट स्ट्रोक के मामलों की निगरानी के लिए IHIP पोर्टल पर रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है।
• डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को हीटवेव से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
बिहार-यूपी में हीटवेव का असर कहां ज्यादा?
विशेषज्ञों के मुताबिक, बिहार में गया, पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और उत्तर प्रदेश में प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर में हीटवेव का सबसे अधिक असर पड़ने की संभावना है।
हीटवेव से कैसे बचा सकता है प्रशासन?
• सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल और छाया की व्यवस्था करनी होगी।
• निर्माण स्थलों पर दोपहर में काम रोकने का आदेश दिया जा सकता है।
• स्कूलों का समय बदलने और गर्मी की छुट्टियां पहले करने पर विचार किया जा सकता है।
अग्निकांड का बढ़ेगा खतरा
बढ़ते तापमान के कारण आग लगने की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। सरकार ने राज्यों से फायर सेफ्टी ऑडिट कराने और संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने को कहा है।
भीषण गर्मी के इस दौर में सतर्कता ही बचाव है। सरकार और प्रशासन की ओर से किए जा रहे उपायों का पालन करें और गर्मी से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए सावधान रहें।