बीच में ही यात्रा छोड़कर दिल्ली भागे कन्हैया कुमार, बाउंसरों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

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बीच में ही यात्रा छोड़कर दिल्ली भागे कन्हैया कुमार, बाउंसरों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

अररिया में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कन्हैया कुमार के बाउंसरों के साथ विवाद, यात्रा रोककर दिल्ली रवाना हुए

अररिया: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने रविवार को बिहार में अपनी ‘पलायन रोको नौकरी दो’ पदयात्रा को बीच में ही स्थगित कर दिया। अररिया में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उनके सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए विवाद के बाद उन्होंने अपनी यात्रा रोक दी और दिल्ली के लिए रवाना हो गए। बताया जा रहा है कि कन्हैया कुमार को दिल्ली से बुलावा आया था।

कन्हैया कुमार की पदयात्रा में धक्कामुक्की

बताया जाता है कि यात्रा के दौरान उस समय विवाद हो गया जब कुछ लोग उन्हें माला पहनाने और उनके साथ सेल्फी लेने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच, एक विधायक के रिश्तेदार की सुरक्षाकर्मियों से बहस हो गई। बाउंसरों ने लोगों को कन्हैया कुमार के पास जाने से रोक दिया, जिससे धक्का-मुक्की शुरू हो गई और कुछ कार्यकर्ता गिर भी पड़े। इस विवाद के बाद कन्हैया ने बस स्टैंड के पास अपनी यात्रा रोक दी और दिल्ली के लिए निकल गए।

राहुल गांधी का आया फोन

यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता और कन्हैया कुमार के बाउंसरों के बीच झड़प की पुष्टि खुद कांग्रेस जिलाध्यक्ष जाकिर अनवर बैराग ने की। उन्होंने कहा, “झड़प की बात सही है, लेकिन इस वजह से कन्हैया कुमार यात्रा छोड़कर नहीं निकले। कन्हैया कुमार को राहुल गांधी का फोन आ गया था।”

दिल्ली गए कन्हैया कुमार

जिलाध्यक्ष ने बताया कि कन्हैया कुमार को दिल्ली से कॉल आया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया।

16 मार्च से शुरू हुई थी यात्रा

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह यात्रा 16 मार्च को चंपारण के भितिहरवा से शुरू हुई थी और इसका उद्देश्य बिहार में पलायन और बेरोजगारी के मुद्दों को उजागर करना था। यात्रा के दौरान 2019-2020 के बीच सेना भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भी हिस्सा लिया। इन अभ्यर्थियों ने हाथों में तख्तियां और जंजीरें लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी

यात्रा के बीच में अचानक दिल्ली जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। कुछ स्थानीय नेताओं ने इसे कांग्रेस की अंदरूनी कलह का नतीजा बताया। इस घटनाक्रम से कांग्रेस के अंदर गुटबाजी की तस्वीर भी उभरकर सामने आई है।

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