
JOB SCAM: बिहार में 400 लोग बंधक, सच्चाई जान पुलिस के होश उड़ गए, यूपी-नेपाल तक फैला था नेटवर्क –
मोतिहारी पुलिस ने 400 लोगों को बंधनमुक्त कराया
मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक साथ 400 लोगों को बंधक बनाकर रखा गया था। पुलिस ने छापेमारी कर सभी को मुक्त कराया और कई लोगों को गिरफ्तार किया।
ट्रेनिंग के नाम पर बंधक बनाए गए लोग
मामला जिले के रक्सौल का है। एक कंपनी द्वारा नौकरी के नाम पर युवाओं को बंधक बनाया गया था। पुलिस ने रक्सौल के कोड़ीहार टोला स्थित एक मकान में संचालित डीबीआर ग्रुप के कार्यालय और कथित ट्रेनिंग सेंटर पर छापा मारा, जहां से सैकड़ों लोगों को छुड़ाया गया। इस समूह के चंगुल में नाबालिग बच्चे भी फंसे थे।
कई राज्यों के युवा ठगी का शिकार
पुलिस ने डीबीआर ग्रुप के संचालक समेत चार लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। बंधनमुक्त किए गए लोगों में उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और नेपाल के युवा शामिल हैं।
नेपाल के नागरिक भी बने शिकार
पुलिस के अनुसार, ठगी के इस जाल में न केवल भारत के विभिन्न राज्यों के लोग फंसे थे, बल्कि नेपाल के नागरिकों को भी गुमराह कर यहां लाया गया था। सभी को आवासीय ट्रेनिंग देने के नाम पर एक स्थान पर रखा गया था और उनके परिवारों से पैसे वसूले जा रहे थे। साथ ही, उनका ब्रेनवॉश भी किया जा रहा था।
पुलिस ने ऐसे की कार्रवाई
मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात के अनुसार, कुछ अभिभावकों ने डीबीआर ग्रुप की संदिग्ध गतिविधियों की शिकायत की थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने एसएसबी के सहयोग से छापा मारा और लगभग 400 लोगों को मुक्त कराया।
गोपालगंज में पहले हो चुकी थी ऐसी घटना
जांच में पता चला कि यह ग्रुप पहले गोपालगंज में सक्रिय था। वहां भी इसी तरह नौकरी के नाम पर युवाओं को बंधक बनाकर रखा जाता था और पैसों की वसूली की जाती थी। जब पुलिस ने कार्रवाई की, तो यह गिरोह मोतिहारी शिफ्ट हो गया।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि नाबालिग बच्चों को लेकर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को सूचित कर दिया गया है। उनके आवेदन के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, इस पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए रक्सौल डीएसपी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम बनाई गई है।
नौकरी के नाम पर ठगी अपराध है
अगर कोई व्यक्ति नौकरी देने के नाम पर किसी को बंधक बनाता है, तो यह एक गंभीर अपराध है। भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दोषी पाए जाने पर 7 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। इसमें ठगी, बंधक बनाना, मानसिक उत्पीड़न और यौन शोषण जैसी गतिविधियां भी शामिल हैं।
ऐसे मामलों से बचने के लिए क्या करें?
• किसी भी नौकरी की सत्यता की जांच करें।
• सोशल मीडिया या सार्वजनिक स्थानों पर लगे फर्जी नौकरी के विज्ञापनों से सावधान रहें।
• किसी भी प्रकार की नौकरी के लिए पहले संबंधित कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट चेक करें।
• किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था को पैसे देने से बचें।
• राज्य सरकार द्वारा आयोजित रोजगार मेलों में भाग लेकर उचित नौकरी पाएं।
यह मामला एक बड़े फर्जीवाड़े और मानव तस्करी नेटवर्क की ओर इशारा करता है, जो युवाओं को नौकरी के नाम पर फंसाकर उनका शोषण करता है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से 400 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन यह घटना बताती है कि बेरोजगारी के नाम पर कैसे संगठित अपराधी गिरोह सक्रिय हैं। ऐसे में युवाओं को जागरूक रहने की जरूरत है ताकि वे इस तरह की ठगी का शिकार न बनें।
(रिपोर्ट: तिरहूत न्यूज़ टीम)