
मुजफ्फरपुर | वरीय संवाददाता
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है। रेलवे ने पटरियों से सटे पक्के मकानों की सूची बनानी शुरू कर दी है, जिससे गृहस्वामियों में बेचैनी बढ़ गई है। सर्वे पूरा होते ही रेलवे द्वारा इन मकान मालिकों को नोटिस भेजा जाएगा, जिससे उन्हें रेलवे की जमीन खाली करनी होगी। इस स्थिति से स्थानीय निवासी परेशान हैं और लगातार रेलवे कार्यालयों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है।
सर्वे का कार्य प्रगति पर
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड दोहरीकरण परियोजना के तहत माड़ीपुर, बीबीगंज, राहुल नगर (वार्ड छह), राहुल नगर (दामोदरपुर पंचायत) और दामोदरपुर गांव से लेकर सदातपुर तक सर्वेक्षण किया जा रहा है। इन इलाकों में 200 से अधिक पक्के मकान स्थित हैं, जिनमें से कई मकान रेलवे की जमीन पर बने हुए हैं।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, 25 प्रतिशत मकान ऐसे हैं, जो रेलवे लाइन से दो-तीन मीटर की दूरी पर स्थित हैं। पटरी विस्तार के लिए इन मकानों को हटाया जा सकता है। इस सर्वेक्षण कार्य को एक निजी एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। सर्वे पूरा होते ही रिपोर्ट रेलवे के पूर्व मध्य रेलवे (पूमरे) कार्यालय को सौंपी जाएगी।
गृहस्वामियों में चिंता, रेलवे से स्पष्टता की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रेलवे उनकी जमीन का कितना हिस्सा लेगी और इसके लिए मुआवजे की क्या व्यवस्था होगी। प्रभावित परिवार रेलवे के सोनपुर, समस्तीपुर और हाजीपुर कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है।
कैबिनेट से मिली थी मंजूरी
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के लिए केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर 2024 को मंजूरी दी थी। इस परियोजना के तहत नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलवे लाइनों का दोहरीकरण प्रस्तावित है। कुल 256 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की अनुमानित लागत 4,553 करोड़ रुपये है।
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड की लंबाई 65 किलोमीटर है और इस पर रेलवे लगभग 1,800 करोड़ रुपये खर्च करेगा। सरकार और रेलवे प्रशासन ने इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
क्या होगी आगे की प्रक्रिया?
सर्वे पूरा होने के बाद रेलवे अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा। इसके तहत मकान मालिकों को नोटिस भेजकर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। रेलवे मुआवजे को लेकर भी कोई नीति स्पष्ट कर सकता है।
(तिरहूत न्यूज़ के लिए विशेष रिपोर्ट)