प्रशांत किशोर का मोदी पर बड़ा हमला: “बिहार से वोट, गुजरात में फैक्ट्री, क्यों?”

Tirhut News

पटना। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार बिहार की जनता से वोट तो ले रही है, लेकिन औद्योगिक विकास का सारा फायदा गुजरात को दे रही है। PK ने कहा, “पूरे देश का पैसा लेकर गुजरात के गांव-गांव में फैक्ट्री लगाई जा रही हैं और बिहार के बच्चे वहां जाकर मजदूरी करने को मजबूर हैं।”

बिहार में उद्योगों की कमी पर सवाल

प्रशांत किशोर ने जनता से सीधा सवाल किया, “जब वोट आपका है तो फैक्ट्री कहां लगनी चाहिए—गुजरात में या बिहार में?” उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है, जबकि सरकार राज्य में उद्योग लगाने को तैयार नहीं है।

बिहार बनाम गुजरात: क्या कहता है डेटा?

• बिहार की बेरोजगारी दर 2023 में करीब 10.4% थी, जबकि गुजरात की सिर्फ 2.2%

• औद्योगिक निवेश में बिहार देश के निचले पायदान पर है, जबकि गुजरात टॉप 3 राज्यों में शामिल है।

• हर साल करीब 25 लाख बिहारी मजदूर दूसरे राज्यों में काम की तलाश में पलायन करते हैं।

PK की अपील: जाति-धर्म नहीं, बच्चों के भविष्य के लिए दें वोट

प्रशांत किशोर ने जनता से भावनात्मक अपील करते हुए कहा, “इस बार वोट नेता का चेहरा देखकर नहीं, अपने बच्चों का भविष्य देखकर देना है। वोट जाति-धर्म के नाम पर नहीं, बल्कि शिक्षा और रोजगार के लिए देना है। इस बार लालू, नीतीश, मोदी नहीं, बल्कि जनता का राज लाना है।”

बिहार में निवेश क्यों नहीं?

विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार में औद्योगीकरण की कमी का मुख्य कारण सरकारी नीतियों की विफलता, भूमि अधिग्रहण की समस्याएं, खराब इंफ्रास्ट्रक्चर और राजनीतिक अस्थिरता है। बिहार में निवेश आकर्षित करने के लिए बेहतर नीति, मजबूत लॉ एंड ऑर्डर और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की जरूरत है।

बिहारियों का दर्द: “अपने घर में रोजगार क्यों नहीं?”

बिहार के कई युवा रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं। राजेश कुमार (सूरत में मजदूर) बताते हैं, “अगर बिहार में ही काम मिलता तो घर छोड़कर बाहर क्यों जाते? हमें वोट डालने के लिए याद किया जाता है, लेकिन रोजगार देने के लिए नहीं।”

क्या बिहार में उद्योगों का भविष्य बदल सकता है?

अगर बिहार में निवेश लाने के लिए सरकार ठोस कदम उठाती है, तो यहां भी फैक्ट्रियां लग सकती हैं और युवाओं को अपने राज्य में ही रोजगार मिल सकता है। PK की यह बहस बिहार में चुनावी मुद्दा बन सकती है।

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