
तिरहूत न्यूज डेस्क | मुजफ्फरपुर
बिहार डाक विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका खुलासा हालिया कार्रवाईयों से हो गया है। मुजफ्फरपुर में घूसखोरी और मधुबनी में करोड़ों के गबन के मामलों में सीबीआई ने ताबड़तोड़ जांच करते हुए 15 अधिकारियों से पूछताछ की है। वहीं, लंबे समय से विवादों में रहे पोस्ट मास्टर जनरल (PMG) परिमल सिन्हा का तबादला कर दिया गया है।
PMG परिमल सिन्हा पर गिरी गाज, तबादला दिल्ली
घोटालों और विभागीय लापरवाही के आरोपों के बीच डाक निदेशालय ने 28 मार्च को आदेश जारी कर उत्तरी क्षेत्र मुजफ्फरपुर के पीएमजी परिमल सिन्हा को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया है। उनकी जगह 2000 बैच के डाक सेवा अधिकारी पवन कुमार सिंह को नया पीएमजी बनाया गया है, जिन्हें एक स्वच्छ छवि वाला सख्त अफसर माना जाता है।
CBI की 4 दिन की पूछताछ से खुली परतें
सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो ने बीते चार दिनों में मुजफ्फरपुर स्थित पीएमजी कार्यालय समेत कई डाक अधिकारियों से गहन पूछताछ की है। इनमें शामिल हैं:
• उपेंद्र पांडे (OS मेल, सेंट्रल सब-डिवीजन)
• राजकिशोर सिंह (CIIF खाताधारक)
• रंजन कुमार (पूर्व ओवरसियर मेल)
• नरसिंह महिस (पूर्व डाक अधीक्षक)
• रॉबिन चंद्रा (पूर्व आईपी, उत्तर उप-मंडल)
• आशुतोष आदित्य (आईपी, मोतिहारी)
• एएन राव (वरिष्ठ डाक अधीक्षक)
• शंभू राय (प्रवर डाक अधीक्षक)
पूछताछ का मुख्य केंद्र रहा परमानंद सिंह नामक कर्मचारी, जिसे पहले दोषमुक्त करार दिया गया था, लेकिन रिपोर्ट पीएमजी कार्यालय को भेजी गई थी।
सरैया में रिश्वत लेते अधिकारी गिरफ्तार
फरवरी महीने में सरैया अनुमंडल में डाक निरीक्षक कार्यालय के मेल ओवरसीयर शिवशंकर पंडित को सीबीआई ने रंगेहाथ 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा था। वह यह राशि चकना शाखा डाकघर के डाकपाल परमानंद सिंह से पोस्टिंग के बदले मांग रहा था।
मधुबनी का घोटाला: सरकारी पैसा निजी खातों में
मधुबनी के लौकहा उप डाकघर में करोड़ों के गबन मामले ने पूरे तंत्र की नींव हिला दी है। सीबीआई ने शंभू यादव को फुलपरास के मुरली गांव से गिरफ्तार किया, जिस पर आरोप है कि उसने India Post Payments Bank के माध्यम से करोड़ों की राशि को निजी खातों में ट्रांसफर किया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शंभू यादव के खाते से मुजफ्फरपुर के अमृत सागर के HDFC खाते में साल 2022 में करोड़ों ट्रांसफर किए गए। इसके बावजूद विभागीय कार्रवाई में वर्षों की देरी हुई।
निष्कर्ष: डाक विभाग की सफाई जरूरी
ताजा कार्रवाईयों ने दिखाया है कि डाक विभाग में अंदर तक फैले भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की जरूरत है। सीबीआई की सक्रियता ने एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है, लेकिन क्या दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा?
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