
मुज़फ्फरपुर: शहर के बहलखाना स्लम बस्ती में आज “एक प्रयास मंच” की ओर से बच्चों के स्कूल नामांकन को लेकर प्रवेशोत्सव जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य है — “शिक्षा सबका अधिकार है” को धरातल पर उतारना और यह सुनिश्चित करना कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे मंच के संस्थापक संजय रजक ने कहा,
“शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। हर व्यक्ति को शिक्षित होना जरूरी है, ताकि वह देश के विकास में भागीदार बन सके।”
“एक प्रयास मंच” लंबे समय से मुज़फ्फरपुर के स्लम और वंचित इलाकों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नाटक, लोकगीत, और पठन सामग्री के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रहा है।
विशेष नामांकन अभियान की शुरुआत
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 1 से 15 अप्रैल 2025 तक “प्रवेशोत्सव – विशेष नामांकन अभियान” चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में निशुल्क नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, जिसकी अंतिम तिथि 10 अप्रैल निर्धारित की गई है।
लोकगीत बना माध्यम — “देख शुरू भइले बा ऐडमिसन…”
शहर के स्लम बस्तियों में जागरूकता फैलाने के लिए मंच की टीम ने एक लोकगीत तैयार किया है —
“देख शुरू भइले बा ऐडमिसन, आइल नाम लिखावे वाला सीजन”
इसी लोकगीत के माध्यम से बस्ती-बस्ती जाकर अभिभावकों और बच्चों को नामांकन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जागरूकता के बाद现场 पर ही बच्चों का स्कूल में नामांकन भी कराया जाएगा।
समाज से सहयोग की अपील
लोक कलाकार सुनील कुमार ने कहा,
“शिक्षा एक गहना है, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व और समाज दोनों को निखारता है।”
अंत में संजय रजक ने मुज़फ्फरपुर के सभी सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों से अपील की कि वे इस पहल में साथ आएं और शहर के हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाने में सहयोग करें।
उपस्थित गण:
कार्यक्रम में लोक कलाकार सुनील कुमार, संजू देवी, रोहन मल्लिक, गंगाजली देवी, स्वयं संजय रजक और बड़ी संख्या में बस्ती के लोग शामिल थे।