
पटना। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार की सियासी ज़मीन गर्म होने लगी है। एक तरफ जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी 7 अप्रैल को बिहार दौरे पर आ रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा 24 अप्रैल को प्रस्तावित है। इसी कड़ी में शनिवार को जन सुराज के प्रवक्ताओं ने इन दोनों राष्ट्रीय नेताओं और उनकी पार्टियों पर तीखा हमला बोला।
प्रवक्ता विवेक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दलों को बिहार की याद केवल चुनाव के समय आती है। जब बिहार में वोट मांगने का वक्त होता है, तभी ये नेता यहां पहुंचते हैं। वे न तो जनता के मुद्दों पर बात करते हैं और न ही विकास की सच्ची तस्वीर पेश करते हैं। केवल जाति और धर्म की राजनीति का सहारा लिया जाता है।”
विवेक कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घेरते हुए कहा, “बिहार में भाजपा करीब 19 साल से सत्ता में है, केंद्र में 10 साल से सरकार चला रही है। इसके बावजूद बिहार की बंद पड़ी चीनी मिलें अब तक चालू नहीं हुईं। अब जब चुनाव नज़दीक हैं, तो फिर से चीनी मिलों की बात की जा रही है। सवाल ये है कि जब सरकार उनकी थी, तो अब तक इंतज़ार क्यों किया गया?”
जन सुराज के दूसरे प्रवक्ता सैयद मसीह उद्दीन ने कहा कि अब बिहार की जनता विकल्पहीन नहीं है। उन्होंने कहा, “अबकी बार जनता के पास जन सुराज जैसा मजबूत और वैकल्पिक मंच है। हर प्रखंड, हर पंचायत में जन सुराज की चर्चा हो रही है। लोग बदलाव चाहते हैं, और जन सुराज उस बदलाव की दिशा बन चुका है।”
जन सुराज का दावा: विकल्पहीनता की राजनीति खत्म होगी
प्रवक्ताओं ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में जन सुराज बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाएगा। प्रेस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने प्रदेश के जमीनी मुद्दों – जैसे बेरोज़गारी, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि – पर मौजूदा सरकारों की विफलताओं को उजागर किया और कहा कि जन सुराज का लक्ष्य “वास्तविक विकास और जनभागीदारी” है।