
मुजफ्फरपुर: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और निर्माता मनोज कुमार को मुजफ्फरपुर का सत्तू और मकई का आटा बेहद पसंद था। यह सिलसिला 1970 से शुरू होकर तीन दशकों तक चला। बिहार के मशहूर फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर डीएन झा के साथ उनके संबंध बेहद आत्मीय रहे।
डीएन झा ने बताया कि वर्ष 1970 में “पूरब-पश्चिम” फिल्म की डील के सिलसिले में वे निर्माता जवाहर झा के साथ मुंबई स्थित मनोज कुमार के घर पहुंचे थे। वहीं पहली मुलाकात हुई, जो बाद में गहरी दोस्ती में बदल गई। जब वे पहली बार मनोज कुमार के लिए मुजफ्फरपुर से सत्तू और मकई का आटा लेकर गए, तो उन्हें वह स्वाद इतना भाया कि हर बार मांगने लगे।
“जब भी मुंबई जाता था, उनकी पसंद की चीजें जरूर साथ ले जाता,” डीएन झा याद करते हुए बताते हैं।
मनोज कुमार की कई बड़ी फिल्मों का बिहार में डिस्ट्रीब्यूशन डीएन झा ने ही किया। 1974 में आई सुपरहिट फिल्म रोटी, कपड़ा और मकान और 1981 की क्रांति भी उन्हीं के सौजन्य से बिहार के सिनेमाघरों में पहुंची। उस दौर में मनोज कुमार की पत्नी शशि गोस्वामी प्रोडक्शन संभाल रही थीं, लेकिन अंतिम निर्णय हमेशा मनोज कुमार का ही होता था।
मनोज कुमार को न केवल बिहार का स्वाद पसंद था, बल्कि वे यहां की राजनीति में भी गहरी रुचि रखते थे। मुलाकातों में राजनीतिक चर्चाएं आम बात थीं।
जय हिंद के बाद छूट गया साथ
डीएन झा के अनुसार, मनोज कुमार के प्रोडक्शन की अंतिम फिल्म जय हिंद 1999 में आई थी। इसके बाद उनके स्वास्थ्य में गिरावट आई और फिल्म निर्माण भी बंद हो गया। धीरे-धीरे मुलाकातें कम होती गईं और फिर संबंधों का क्रम टूट गया।
“उनके निधन से बेहद मर्माहत हूं। उनके साथ की यादें आज भी दिल में बसी हुई हैं,” डीएन झा भावुक होकर कहते हैं। पुरानी कई स्मृतियां आज भी जेहन में जिंदा है.