
मुजफ्फरपुर | तिरहूत न्यूज़ विशेष रिपोर्ट
पूर्व मेयर समीर कुमार और उनके चालक की सनसनीखेज हत्या के मामले में एक अहम मोड़ आया है। केस के महत्वपूर्ण गवाह, इंस्पेक्टर मो. सुजाउद्दीन, शनिवार को निर्धारित तारीख पर अदालत में पेश नहीं हुए। यह वही अधिकारी हैं जिन्होंने नगर थानेदार रहते एफआईआर दर्ज की थी और घटनास्थल की प्रारंभिक जांच की थी।
रामनवमी ड्यूटी बनी गैरहाज़िरी की वजह
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्वेता कुमारी सिंह की अदालत में जब उनका नाम पुकारा गया, तो सरकारी वकील ने बताया कि वे रामनवमी को लेकर विधि-व्यवस्था ड्यूटी में व्यस्त थे। अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए गवाह को नोटिस भेजने और अगली सुनवाई में उपस्थित होकर पक्ष रखने का आदेश दिया है।
7 अप्रैल को अगली सुनवाई
कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 7 अप्रैल निर्धारित की है। माना जा रहा है कि मो. सुजाउद्दीन की गवाही केस की दिशा तय करने में निर्णायक साबित हो सकती है।
अब तक ये लोग दे चुके हैं गवाही
अब तक इस केस में पूर्व मेयर समीर कुमार की पत्नी वर्षा रानी, कल्याणी के शंकर प्रसाद गुप्ता, चंदवारा नवाब रोड के दुकानदार दानिश हुसैन, न्यू मार्केट के रमेश कुमार सहित कुल 5 लोगों की गवाही हो चुकी है।
हत्या की पूरी कहानी
यह मामला 23 सितंबर 2018 का है, जब शाम को लकड़ीढाई रोड पर बाइक सवार अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर समीर कुमार और उनके चालक रोहित कुमार की हत्या कर दी थी। इस दोहरे हत्याकांड में आधा दर्जन कुख्यातों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वर्तमान में सभी आरोपी जमानत पर हैं।
क्यों है यह गवाही अहम?
इंस्पेक्टर मो. सुजाउद्दीन वह पहले अधिकारी हैं जिन्होंने हत्या के बाद जांच की कमान संभाली थी। उनका बयान केस की शुरुआत और शुरुआती साक्ष्यों को लेकर न्यायालय में स्पष्टता ला सकता है।
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