
मुजफ्फरपुर जिले से लगभग 30 किलोमीटर दूर मीनापुर प्रखंड के भटौलिया गांव में स्थित है मां मनोकामना पूर्ण भगवती मंदिर — एक ऐसा धार्मिक स्थल, जहां नौकरी की तलाश में भटक रहे युवा श्रद्धा और आस्था के साथ मन्नत मांगने आते हैं। विशेष बात यह है कि जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वे अपनी पहली सैलरी माता को दान स्वरूप अर्पित करते हैं।
मन्नत मांगो, नौकरी पाओ, सैलरी चढ़ाओ
यह मंदिर उन लोगों के लिए विशेष आस्था का केंद्र बन चुका है, जिन्हें रोजगार की तलाश होती है। मान्यता है कि जो भी यहां सच्चे मन से नौकरी के लिए मन्नत मांगता है, उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है। चैत्र नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। मां के दरबार में लोग न केवल दर्शन करते हैं, बल्कि अपनी सैलरी का एक महीना मां के चरणों में समर्पित कर धन्य महसूस करते हैं।
स्थानीय पुजारी की मान्यता और मंदिर का इतिहास
मंदिर के पुजारी मनीष कुमार बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना की प्रमाणिक जानकारी तो नहीं है, लेकिन गांव की स्थापना के समय से ही यहां पूजा-अर्चना होती आ रही है। यहां पूजा करने और मन्नत मांगने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लोगों की गहरी आस्था इस स्थान को विशेष बनाती है।
सच्ची घटना से और गहरी होती आस्था
स्थानीय निवासी विकास राणा ने बताया कि उनके भाई को लंबे समय से नौकरी नहीं मिल रही थी। लेकिन मां भगवती से मन्नत मांगने के कुछ ही समय बाद उनका चयन हो गया। उन्होंने अपनी पहली सैलरी का हिस्सा मां को अर्पित किया और परिवार सहित दर्शन करने पहुंचे।
चैत्र नवरात्रि में होती है विशेष पूजा
हालांकि मंदिर में साल भर पूजा होती है, लेकिन चैत्र नवरात्रि में यहां विशेष आयोजन होता है। अश्विन नवरात्रि की तुलना में चैत्र नवरात्रि का महत्व यहां अधिक माना जाता है। इस दौरान श्रद्धालु दूर-दूर से आकर मां के दरबार में पूजा करते हैं, और कुछ तो रात्रि जागरण, कीर्तन, और भंडारे का भी आयोजन करते हैं।
तिरहूत न्यूज विशेष रिपोर्ट | संवाददाता: धीरज ठाकुर