
रिपोर्टर: धीरज ठाकुर | तिरहूत न्यूज, मुजफ्फरपुर
भिखनपुर गांव, अहियापुर थाना क्षेत्र—एक शांत सा गांव, लेकिन पिछले साल की गर्मियों में यहां ऐसी वारदात हुई जिसने पूरे इलाके को हिला दिया। यह कोई साधारण हत्या नहीं थी, बल्कि पारिवारिक विवाद से शुरू होकर निर्मम हत्या तक जा पहुंची कहानी है—जिसमें न सिर्फ इंसानियत शर्मसार हुई, बल्कि गांव की फिजा में डर और दहशत घुल गई।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
शशिकृष्ण के घर के सामने गेहूं दौनी के लिए थ्रेशर लगाया गया था। तेज़ आवाज और उड़ती धूल से परेशान होकर शशिकृष्ण ने इसका विरोध किया। विरोध ने बहस का रूप लिया और अगली सुबह गांव की गलियों में खून बह गया।
हत्या का खौफनाक तरीका
एफआईआर के मुताबिक, बैजू भगत और शंकर भगत सहित कई लोगों ने तलवार, लाठी और रॉड से शशिकृष्ण के परिवार पर हमला बोल दिया। शशिकृष्ण को तलवार से बुरी तरह घायल किया गया, फिर जब वह ज़मीन पर गिर पड़ा, तब उस पर एक DJ रथ वाहन चढ़ाकर उसे कुचल दिया गया।
पुलिस को दिए बयान में मृतक के पिता ने कहा, “हमने सिर्फ थ्रेशर हटाने को कहा था, हमें क्या पता था कि इसका जवाब तलवार और रथ से मिलेगा।”
जांच और पुलिसिया कार्रवाई
इस हत्याकांड में अब तक चार आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। बाकी पांच अभी फरार हैं। हाल ही में अहियापुर पुलिस ने फरार आरोपियों के घर पर कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की। घरों से सामान जब्त किया गया, वीडियोग्राफी की गई, और गांव में पुलिस बल की भारी मौजूदगी रही।
थानाध्यक्ष रोहन कुमार ने “तिरहूत न्यूज़” से कहा,
“हम किसी भी सूरत में अपराधियों को नहीं बख्शेंगे। कानून अपना काम करेगा।”
ग्रामीणों में भय और गुस्सा दोनों
भिखनपुर के लोग आज भी उस दिन को याद कर सिहर उठते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह केवल हत्या नहीं, बल्कि पूरे गांव की शांति को खत्म करने की साजिश थी।
आगे क्या?
फरार आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। लेकिन इस केस ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है—क्या छोटी-छोटी बातों पर होने वाले झगड़े आज हमारे गांवों में जानलेवा बनते जा रहे हैं? और क्या समय रहते पंचायत या प्रशासन हस्तक्षेप कर पाते, तो एक जान बच सकती थी?
विशेष संपादकीय:
“तिरहूत न्यूज़” इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है। हमारी टीम ग्रामीणों, पुलिस और पीड़ित परिवार से जुड़े हर अपडेट को सामने लाएगी—क्योंकि सच्ची पत्रकारिता का धर्म है सच्चाई को उजागर करना।