पटना में कांग्रेस का हल्ला बोल: CM आवास की ओर बढ़े कन्हैया, वाटर कैनन और हिरासत से गरमाया सियासी माहौल

Tirhut News

पटना, तिरहूत न्यूज

बिहार की राजधानी पटना शुक्रवार को कांग्रेस के जोशीले प्रदर्शन का गवाह बनी, जब ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा के तहत कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की कोशिश की। इस प्रदर्शन में पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट और युवा नेता कन्हैया कुमार के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे।

क्या है मामला?

कांग्रेस ने बिहार में बेरोजगारी, पलायन, पेपर लीक और परीक्षा में धांधली जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर पटना में जोरदार मार्च का आयोजन किया था। लेकिन जैसे ही प्रदर्शनकारी राजापुर पुल के पास पहुंचे, उन्हें पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बावजूद कार्यकर्ताओं ने सीएम आवास की ओर कूच जारी रखा।

पुलिस की सख्ती और नेताओं की गिरफ्तारी

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनन का सहारा लिया और भारी बैरिकेडिंग की गई। बावजूद इसके, कांग्रेस कार्यकर्ता झुकने को तैयार नहीं थे। स्थिति तनावपूर्ण होते देख, पुलिस ने कन्हैया कुमार, NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी, और कई अन्य नेताओं सहित करीब 15-20 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर कृष्णा मुरारी ने पुष्टि की कि प्रदर्शन उग्र होने की वजह से वाटर कैनन का प्रयोग किया गया और हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को कोतवाली थाना ले जाया गया है।

सचिन पायलट का हमला, कांग्रेस की नाराजगी

पटना पहुंचे सचिन पायलट ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:

“बिहार से लाखों की संख्या में पलायन हो रहा है। सरकार को नींद से जगाने के लिए ही यह मार्च निकाला गया है। उम्मीद है अब युवाओं की आवाज सुनी जाएगी।”

वहीं कांग्रेस पार्टी ने पटना पुलिस की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“बिहार सरकार के पास हर सवाल का एक ही जवाब है – लाठी, डंडा और पानी की बौछार।”

राजनीतिक विश्लेषण: क्या बिहार की सड़कों से उठेगी बदलाव की आवाज?

कांग्रेस का यह प्रदर्शन बताता है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों से पहले युवा मुद्दों पर राजनीति तेज होती जा रही है। कन्हैया कुमार जैसे चेहरे, जो खुद बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर मुखर रहे हैं, अब कांग्रेस को बिहार में एक नया जनाधार देने की कोशिश कर रहे हैं।

तिरहूत न्यूज़ विश्लेषण:

इस मार्च ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार की युवा राजनीति अब सड़कों से आवाज उठाने को तैयार है। क्या यह आंदोलन केवल प्रदर्शन तक सीमित रहेगा या कोई राजनीतिक बदलाव लेकर आएगा — यह आने वाले समय में देखने वाली बात होगी।

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