143वां उर्स: मुजफ्फरपुर पुलिस ने निभाई वर्षों पुरानी परंपरा, दाता कंबल शाह के मजार पर की चादरपोशी

Tirhut News

मुजफ्फरपुर | तिरहूत न्यूज़

मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को सूफी संत दाता कंबल शाह चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के 143वें सालाना उर्स के मौके पर नगर थाना द्वारा पारंपरिक रूप से चादरपोशी की गई। इस अवसर पर नगर थाना से एक जुलूस गाजे-बाजे के साथ निकला, जिसमें जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए।


जुलूस में प्रशासनिक गरिमा का दर्शन

चादरपोशी के इस पवित्र अवसर पर मुजफ्फरपुर के सिटी एसपी विश्वजीत दयाल, ग्रामीण एसपी विद्यासागर, टाउन SDPO सीमा कुमारी और SDM पूर्वी समेत नगर थाना के कई पुलिसकर्मी शामिल हुए। जुलूस नगर थाना से प्रारंभ होकर मोतीझील, कल्याणी, अमर सिनेमा चौक, कन्हौली नाका और चतुर्भुज स्थान चौक होते हुए दाता के मजार तक पहुंचा।सदियों पुरानी परंपरा को पुलिस निभा रही है आज भी

यह परंपरा अंग्रेज़ों के दौर से चली आ रही है, जब से हर साल नगर थाना से मुजफ्फरपुर पुलिस द्वारा चादरपोशी की जाती है। इतिहास बताता है कि एक बार अंग्रेज़ अफसर की सवारी के रास्ते में दाता शाह सड़क पर पेशाब कर रहे थे। अंग्रेज़ ने जब उन पर कोड़े बरसाने की कोशिश की, तो उसका हाथ हवा में ही रुक गया। दाता ने तब कहा था – “अपने देश की रक्षा कर नहीं सकते, और हमारे देश पर हुकूमत करने आए हो?”


दाता ने बताया था कि वे इंग्लैंड के सचिवालय में लगी आग को पेशाब से बुझा रहे थे। जब लंदन से खबर आई कि किसी अनदेखी जलधारा से आग बुझ रही है, तब अंग्रेज अफसर स्तब्ध रह गया। बाद में उसी अफसर को दाता के आशीर्वाद से संतान की प्राप्ति भी हुई। उसी घटना के बाद से यह परंपरा शुरू हुई, जिसमें जिला प्रशासन की ओर से हर साल उर्स पर चादरपोशी की जाती है।


अमन और शांति की दुआ

पुलिस अधिकारियों ने दाता के दर पर माथा टेक कर अमन और शांति की दुआ मांगी। यह आयोजन न सिर्फ एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि साम्प्रदायिक सौहार्द, श्रद्धा और परंपरा का भी संदेश देता है।


आगे का कार्यक्रम

उर्स के मौके पर 23 अप्रैल को सुबह 5 बजे गोसुल स्नान होगा, और उसी दिन रात में मदीने शरीफ की चादरपोशी की जाएगी। जबकि 24 अप्रैल को आम चादरपोशी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों अकीदतमंदों के शामिल होने की संभावना है।

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