
मुजफ्फरपुर | तिरहूत न्यूज
गरहां हथौड़ी मार्ग स्थित सनाठी गांव में आयोजित श्री अर्जुन बाबू मेला का माहौल मंगलवार को भक्तिभाव और सांस्कृतिक समर्पण से सराबोर हो उठा। वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक गोपेश भारद्वाज महाराज द्वारा नौ दिवसीय श्री राम कथा के भावपूर्ण समापन ने श्रद्धालुओं के हृदय को छू लिया।
कथा के अंतिम दिन उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
महाराज गोपेश भारद्वाज ने भगवान श्रीराम के जीवन की घटनाओं को अत्यंत ओजस्वी और भावनात्मक शैली में प्रस्तुत किया। कथा में धर्म, कर्म और भक्ति के महत्व को उन्होंने गहराई से उजागर किया, जिससे श्रोताओं पर गहरा प्रभाव पड़ा।
प्रतिभाओं को मिला मंच और सम्मान
समापन अवसर पर, महाराज ने अपनी कलाकारी से मेले की शोभा बढ़ाने वाले मूर्तिकार संतोष कुमार उर्फ चिक्कू को सम्मानित किया। चिक्कू की बनाई मनोहर मूर्तियाँ मेले का केंद्रबिंदु बनीं।वहीं, प्रेम मंदिर की भव्यता से प्रेरित पंडाल का निर्माण करने वाले कलाकार सन्नी कुमार को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उनके द्वारा निर्मित विशाल और कलात्मक पंडाल ने पूरे मेले को एक दिव्यता प्रदान की।
संस्कृति और परंपरा के संवाहक बने कलाकार
सम्मान समारोह में महाराज गोपेश भारद्वाज ने कहा:
“कला और संस्कृति हमारी सनातन परंपरा की आत्मा हैं। इन कलाकारों ने अपनी प्रतिभा और मेहनत से मेले को जीवंत कर दिया है।”
आयोजकों ने जताया आभार
मेला आयोजक रामसूरत राय ने आयोजन की सफलता के लिए सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। आयोजन में भरत राय, रामबाबू राय, हंसलाल राय, सुभद्रा देवी, समाजसेवी सुभाष यादव, राकेश यादव, एहसान अहमद, तारकेश यादव और मिथलेश कुमार सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह
श्रद्धालुओं ने राम कथा और कलाकारों के सम्मान को अत्यंत प्रेरणादायक और गौरवपूर्ण बताया। एक स्थानीय श्रद्धालु ने कहा – “महाराज जी की कथा आत्मा को छू गई, और कलाकारों का सम्मान हमारे गाँव की कला-संस्कृति को नई पहचान देगा।”