
काँटी थाना हाजत में युवक की संदिग्ध मौत बनी मुजफ्फरपुर पुलिस के लिए गले की हड्डी
एनएचआरसी की कार्रवाई से प्रशासनिक महकमें में हड़कंप, डीएम-एसएसपी को नोटिस
मुजफ्फरपुर (तिरहूत न्यूज ब्यूरो):
मुजफ्फरपुर जिले के काँटी थाना हाजत में शिवम झा नामक युवक की संदिग्ध मौत ने जिले की पुलिस और प्रशासन को कटघरे में ला खड़ा किया है। यह मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के संज्ञान में आने के बाद और अधिक संवेदनशील हो गया है। मानवाधिकार मामलों के विशेषज्ञ अधिवक्ता एस.के. झा द्वारा दायर याचिका पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी (DM) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को नोटिस जारी कर दिया है।
आयोग ने इस मामले में प्रशासन से 18 बिंदुओं पर विस्तृत जवाब माँगा है और छह सप्ताह की समय-सीमा निर्धारित की है। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि उक्त युवक की मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई, इसका विस्तृत विवरण अनिवार्य रूप से दिया जाए।
इन 18 बिंदुओं पर माँगा गया जवाब:
• हिरासत और मौत से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट
• मृतक के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रति
• गिरफ्तारी व निरीक्षण ज्ञापन
• परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना दी गई थी या नहीं
• जप्ती व रिकवरी ज्ञापन
• मेडिकल कानूनी प्रमाण-पत्र
• सभी सीडी/कैसेट, साइट प्लान सहित
• मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट
• टाइप की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट
• पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग
• घटना स्थल का पूरा विवरण
• विसरा की रिपोर्ट
• एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर मृत्यु का कारण
• मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट
• उस पर की गई कार्रवाई की स्थिति
• विभागीय या आपराधिक कार्यवाही की जानकारी
• सीआईडी/सीबी जांच रिपोर्ट (यदि हुई हो)
• आयोग को 24 घंटे के अंदर सूचना क्यों नहीं दी गई?
मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मामला:
अधिवक्ता एस.के. झा ने कहा कि थाने की हिरासत में किसी व्यक्ति की मौत होना मानवाधिकार उल्लंघन की गंभीर श्रेणी में आता है। इस तरह के मामलों में आयोग बेहद संवेदनशीलता से जाँच करता है। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी अपने स्तर से जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन की पेशानी पर चिंता की लकीरें:
NHRC की नोटिस और जाँच के आदेश के बाद जिले के प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि डीएम और एसएसपी द्वारा दिए गए जवाबों से इस मामले में क्या नया मोड़ आता है।