

मुजफ्फरपुर/वैशाली।
बिहार पुलिस में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक (स०अ०नि०) जय कुमार सिंह को रिश्वत लेने और कर्तव्यहीनता के गंभीर आरोपों के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। विभागीय जांच में उन्हें दोषी पाए जाने के बाद यह सख्त कार्रवाई की गई है।
जय कुमार सिंह जब वैशाली जिले के बिदुपुर थाना में पदस्थापित थे, उस दौरान वे थाना कांड संख्या 482/19 के अनुसंधानकर्ता थे। आरोप है कि उन्होंने अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में अभियुक्त पक्ष से 12,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। इसमें से 10,000 रुपये पहले ही दिए जा चुके थे और शेष 2,000 रुपये के लिए वे लगातार दबाव बना रहे थे। इस वार्तालाप से संबंधित एक ऑडियो क्लिप शिकायतकर्ता श्रीश कुमार द्वारा मोबाइल में रिकॉर्ड की गई, जो बाद में प्रमाण के रूप में प्रस्तुत की गई।
मामले के उजागर होने पर 15 फरवरी 2020 को तत्कालीन जिलाधिकारी वैशाली द्वारा उन्हें निलंबित कर विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू की गई। जांच उपरांत 11 नवम्बर 2021 को तिरहुत क्षेत्र, मुजफ्फरपुर के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जय कुमार सिंह को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया।
बर्खास्तगी के खिलाफ जय कुमार सिंह ने बिहार पुलिस मुख्यालय में अपील दायर की, जिस पर पुनर्विचार करते हुए 7 सितम्बर 2022 को उन्हें अस्थायी रूप से सेवा में बहाल किया गया और आरोपों की दोबारा समीक्षा के आदेश दिए गए। लेकिन दोबारा की गई विस्तृत जांच में भी उन्हें दोषी पाया गया।
तिरहुत क्षेत्रीय पुलिस कार्यालय के आदेशानुसार, जय कुमार सिंह को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता और पद के दुरुपयोग का दोषी ठहराते हुए पुनः सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही, उन्हें भविष्य में किसी भी सरकारी सेवा के लिए अयोग्य घोषित किया गया है।
पुलिस विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएगी और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।