
पटना, तिरहूत न्यूज़ ब्यूरो।
बिहार की सड़कों को एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। राज्य सरकार ने बगहा से भोजपुर (आरा) तक एक नए राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) और ग्रीनफील्ड हाईस्पीड कॉरिडोर के निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। इस प्रोजेक्ट को ‘नारायणी-गंगा कॉरिडोर’ नाम दिया गया है, जो राज्य के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को दक्षिण-पश्चिमी हिस्से से सीधे जोड़ेगा।
225 किलोमीटर लंबा होगा कॉरिडोर, 15,450 करोड़ की लागत
इस ग्रीनफील्ड राजमार्ग की लंबाई लगभग 225 किलोमीटर होगी और इस पर कुल 15,450 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, जिसमें 3,950 करोड़ रुपए जमीन अधिग्रहण और 11,500 करोड़ रुपए निर्माण पर खर्च होंगे।
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस सड़क की फिजिबिलिटी रिपोर्ट (संभाव्यता रिपोर्ट) तैयार कराए, ताकि डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाकर जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।
इन जिलों को होगा लाभ
• पश्चिमी चंपारण (बगहा)
• गोपालगंज
• सिवान
• सारण (छपरा)
• भोजपुर (आरा)
• रोहतास (सासाराम)
यह कॉरिडोर एनएच-727ए (बगहा) से शुरू होकर एनएच-119ए (आरा-सासाराम हाईस्पीड) से जुड़ जाएगा, जिससे सासाराम होते हुए वाराणसी और कोलकाता की ओर यात्रा भी सुगम होगी।
गंडक नदी पर नया पुल और गंगा पर नए पुल की योजना
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत गंडक नदी पर एक नया पुल भी प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त, गंगा नदी पर रिविलगंज के पास एक और पुल के निर्माण पर भी विचार चल रहा है, जिससे छपरा-आरा मार्ग पर यातायात का दबाव कम हो सके।
रोज़गार, विकास और प्रधानमंत्री का विज़न
राज्य सरकार का मानना है कि यह कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुगम और सुरक्षित सड़क संपर्क के विज़न को धरातल पर उतारने में सहायक होगा। इसके बनने से न केवल पिछड़े क्षेत्रों का विकास होगा, बल्कि हज़ारों लोगों को रोज़गार के नए अवसर भी मिलेंगे।
निष्कर्ष: एक नया बदलाव, जो बिहार को जोड़ेगा नई दिशा से
‘नारायणी-गंगा कॉरिडोर’ बिहार की भौगोलिक संरचना को बेहतर बनाकर उसे यातायात, व्यापार, और रोजगार के नए आयाम देगा। इस हाईस्पीड कॉरिडोर से न सिर्फ क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी, बल्कि बिहार को उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत से जोड़ने वाली एक अहम कड़ी भी तैयार होगी।
(स्पेशल रिपोर्ट: तिरहूत न्यूज़)