

बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान पर तीन दिवसीय कार्यशाला: दूसरे दिन 150 प्रतिभागियों को मिला आधुनिक उपकरणों पर प्रशिक्षण
मुज़फ्फरपुर: बी.आर. अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन राज्यभर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से आए लगभग 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। यह कार्यशाला आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।
दूसरे दिन प्रतिभागियों को चार समूहों में विभाजित कर विभाग की विभिन्न प्रयोगशालाओं में “हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग” दी गई। इस दौरान प्रतिभागियों ने विभाग के वरिष्ठ शिक्षकों के निर्देशन में टी.एल.सी. (थिन लेयर क्रोमैटोग्राफी), सी.सी. (कॉलम क्रोमैटोग्राफी), यूवी-विजिबल स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, पीएच मीटर, कंडक्टिविटी मीटर, कलरीमीटर, वेइंग बैलेंस और माइक्रो पीपेट जैसे आधुनिक उपकरणों पर स्वयं प्रायोगिक अभ्यास किया।
प्रशिक्षण देने वाले विशेषज्ञ शिक्षकों में शामिल रहे:
• प्रोफेसर (डॉ) नवेदउल हक – टी.एल.सी. एवं सी.सी. तकनीक पर प्रशिक्षण
• प्रोफेसर (डॉ) राम कुमार – पीएच मीटर, कंडक्टिविटी मीटर और वेइंग बैलेंस पर विस्तृत जानकारी
• डॉ अभय नंदा श्रीवास्तव एवं डॉ प्रियरंजन कुमार – यूवी-विजिबल स्पेक्ट्रोफोटोमीटर एवं माइक्रो पीपेट संचालन में मार्गदर्शन
• जयनाथ कुमार – कलरीमीटर के उपयोग पर प्रशिक्षण
कार्यशाला के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) अरुण कुमार ने की। उन्होंने बताया कि “बिहार विश्वविद्यालय का रसायन विज्ञान विभाग पूरे बिहार में इकलौता ऐसा विभाग बन गया है, जहां पर स्नातक, परास्नातक और शोध छात्र एक साथ इस स्तर की प्रायोगिक वर्कशॉप में भाग ले रहे हैं।”
उपस्थित प्रतिभागियों में शामिल रहे:
कृति मिलन, राजीव रंजन, धनंजय, भावना, गुलशन, अभय, गौरव, कुंदन, रविराज, पूनम, मोनाली, अनीता, सुधा, तान्या, श्रुति, समर, सुजल, एहतेशाम, डॉ नीतू कुमारी, डॉ कल्पना, अरुणा सिंह, मो. आलम, हरिशंकर ओझा, विकास सहित कई अन्य प्रतिभागी।
यह कार्यशाला छात्रों के कौशल विकास और वैज्ञानिक सोच को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभा रही है। तीसरे और अंतिम दिन के आयोजन को लेकर प्रतिभागियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।